लखनऊ। नीट परीक्षा में सॉल्वर गैंग का मास्टर माइंड कहा जाने वाला रेजिडेंट डॉक्टर को गोमती नगर स्थित डा. राम मनोहर लोहिया संस्थान प्रशासन ने तत्काल प्रभाव से बर्खास्त कर दिया गया है। संस्थान प्रशासन ने मेडिसिन विभाग से सेवा समाप्त कर दी गईं हैं। उधर संस्थान में अन्य रेजीडेंट डाक्टर भी इस प्रकरण में सकते है। उनमें डर बना हुआ है कि पकड़े गये सात्वर के बारे में उनसे स्थानीय पुलिस व एसटीएफ रेजिडेंट के बारे में जानकारी हासिल करने आ सकती है।
बताते चले कि लोहिया संस्थान के मेडिसिन विभाग में नॉन एकडमिक रेजिडेंट के पद पर डॉ. सचिन कुमार मौर्या की तैनाती हुई थी। संस्थान ने जांच में पाया कि वह बीते सोमवार से वह लापता था। उसके साथ रहने वाले व ड्यूटी करने वाले साथियों ने विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों को डॉ. सचिन के गायब होने की सूचना दी थी। संस्थान के अधिकारियों ने स्थानीय पुलिस को डा.सचिन के गायब होने की जानकारी दी। तो पुलिस ने जब डा. सचिन के मामले की जानकारी एकत्र की तो उनके संज्ञान में साल्वर गैंग के प्रकरण के बारे में पता चला। संस्थान के चिकित्सा अधीक्षक व मेडिसिन विभाग के अध्यक्ष डॉ. विक्रम सिंह के कहना है कि संस्थान प्रशासन ने तत्काल निर्णय लेते हुए डॉ. सचिन को बर्खास्त कर दिया गया है। संस्थान में एमबीबीएस पास कर चुके छात्रों को नॉन एकडमिक जूनियर रेजिडेंट के पद पर तैनाती की जाती है। उधर डा. सचिन से जुड़े रेजीडेंट डाक्टर परेशान हो गये है। उनका कहना है कि साथी होने के नाते कभी भी उनसे पूछताछ की जा सकती है। इस बात को लेकर रेजीडेंट डाक्टरों में हड़कम्प मचा हुआ है।
राजधानी के चिकित्सा संस्थानों में पहले भी साल्वर प्रकरण में जा चुके है पक ड़े
लखनऊ। नीट हो या अन्य कोई मेडिकल की प्रवेश परीक्षाओं में रेजीडेंट डाक्टर के संलिप्त होने का यह पहला मामला नहीं है। इससे पहले भी कार्रवाई की कई घटनाएं हो चुकी है। इस प्रकरण में केजीएमयू के रेजीडेंट डाक्टर कई बार पकड़े जा चुके है। यही नहीं पूछताछ के लिए उनके साथियों से पूछताछ की जा चुकी है। इसके बाद अब तक मध्य प्रदेश के चर्चित व्यापंम प्रकरण में घोटालेबाज यहां से भी धरे जा चुके हैं। बताते चले कि व्यापकं प्रकरण में मध्य प्रदेश की एसटीएफ ने केजीएमयू 2013 व 2014 बैच के एक दर्जन मेडिकोज से पूछताछ के लिए उठाया था। उस वक्त कई बार एसटीएफ का सामना कर चुकी क्वीनमेरी की एक रेजिडेंट आत्महत्या भी कर लिया था।