लखनऊ। किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय प्रशासन ने ट्रक से लगभग 34 लाख के बिजली का सामान चोरी छिपे ले जाने के प्रकरण में मुख्य आरोपी इंजीनियर बिजली विभाग एसपी सिंह को निलंबित कर दिया गया है। उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही के लिए अधिकाशी अभियंता परितोष कुमार को जांच अधिकारी बनाया गया है। इसके अलावा केजीएमयू प्रशासन ने पूरे प्रकरण में एसपी सिंह सहित अन्य 5 लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करने के लिए चौक कोतवाली में तहरीर दी है।
बताते चले कि केजीएमयू में 5 अक्टूबर रात को ट्रक पकड़ा गया था। इस पर चोरी- छिपे जनरेटर व एलईडी लाइटों बंद डिब्बों में मिली थी। पकड़े जाने पर केजीएमयू प्रशासन ने 4 सदस्य जांच कमेटी बना दी थी। जांच में पता चला कि यह लाइट यू पी नेडा से आयी थी इनको परिसर में लगाना था, लेकिन लगी नहीं। इन सभी लाइटों को चोरी छिपे रात में बाहर भेजा जा रहा था। यूपी नेडा और केजीएमयू की टीम ने संयुक्त रूप से जांच करने पर पता चला कि केजीएमयू को 2646 पैकेट एलआईडी लाइटें लगाने के लिए दी गयी। ट्रक में 900 पैकेट लदी पायी गयी। जब कि जांच में यह भी पाया गया कि एलईडी की अन्य लाइटें भी परिसर में भी कही नहीं लगी है। पूरे प्रकरण में बड़े घोटाले निकलने के संकेत है। जांच में पाया गया कि केजीएमयू में आने वाली एलईडी की लाइटो की कीमत करीब 90 लाख थी, जिसमें अभी तक सिर्फ 10 लाइट लगी हुई है। फिलहाल नेडा की टीम जांच कर रही है। केजीएमयू प्रशासन ने जांच कमेटी की रिपोर्ट के आधार इंजीनियर बिजली एसपी सिंह को निलंबित कर दिया है। पूरे मामले में अनुशासनात्मक रिपोर्ट तैयार करने की जिम्मेदारी अधिशाषी अभियंता परितोष सिंह को सौंपी दी गयी है।
उधर संज्ञान में आने के बाद ही केजीएमयू प्रशासन ने चौक कोतवाली में भी तहरीर दी गयी थी, लेकिन पुलिस मामले की जांच करने की बात कहकर रिपोर्ट दर्ज नहीं किया। अब फिर जांच के बाद केजीएमयू प्रशासन ने तहरीर दी है। जांच के बारे में जानकारी देते हुए इंजीनियर एस पी सिंह, सामान लदवाने में सब स्टेशन पर तैनात तीन संविदा कर्मचारी का नाम दिया गया है। केजीएमयू प्रवक्ता डा. सुधीर का कहना है कि जांच कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर इंजीनियर एस पी सिंह को निलंबित कर दिया गया है। आगे की प्रशासनिक कार्यवाही की जा रही है। रिपोर्ट दर्ज करने के लिए कोतवाली में तहरीर दे दी गई है।