गोबर के दीपों का बोलबाला, चाइनीज झालरों को पछाड़ा
‘वोकल फॉर लोकल’ ने विक्रेताओं के चेहरों पर बिखेरी मुस्कान
माटी कला मेले में चमक रहे यूपी के जनपदों के उत्पाद
इको फ्रेंडली दीपावली मनाने के लिए माटी कला मेला कर रहा प्रेरित
लखनऊ – चीन के उत्पादों का बहिष्कार करते हुए लोग चाइनीज झालरों और सजावटी सामानों के बजाय गाय के गोबर से बने दीपों और जनपदों में बने सजावटी उत्पादों को खरीद रहे हैं। राजधानी में नौ दिवसीय माटी कला मेले में आए 15 अलग-अलग जनपदों के माटी कलाकार लोगों को इको फ्रेंडली दिवाली मनाने और जनपदों में निर्मित उत्पादों की खरीदारी करने के लिए प्रेरित कर रहे हैं।
प्रतापगढ़ के महिला स्वावलंबन ट्रस्ट के प्रेसीडेंट सुरेन्द्र कुमार शर्मा गाय के गोबर से बने विभिन्न उत्पादों को माटी कला मेले में लेकर आए हैं। गाय के गोबर से बने कंडे, धूपबत्ती व अगरबत्ती के अलावा लोगों को इस मेले में जैविक उत्पादों और कपड़े के बने गमलों की खरीदारी करने का मौका मिलेगा। हाल ही में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दीपावली पर ओडीओपी के तहत उत्पादों की खरीदारी कर अपनों को उपहार देने की अपील की थी जिसके तहत यूपी के लोग चीन के उत्पादों का बहिष्कार करते हुए ‘वोकल फॉर लोकल’ अभियान से जुड़कर लघु-कुटीर उद्योग से जुड़े लोगों के चेहरों पर मुस्कान बिखेर रहे हैं।
दूसरे प्रदेशों से आ रहे ऑर्डर
गोबर के दीयों के ऑर्डर केवल प्रदेश से ही नहीं बल्कि दूसरे प्रदेशों से भी आ रहे हैं। मध्यप्रदेश, केरल, महाराष्ट्र, असम से भी लोग गोबर के बने उत्पादों के ऑर्डर दे रहे हैं। प्रदेश में जौनपुर, बनारस, प्रयागराज, अयोध्या में उत्पादों को निर्यात किया जा रहा है। दीपावली में इस बार पांच से आठ लाख गाय के गोबर के बने दीयों के ऑर्डर आए हैं।
दस हजार महिलाओं को मिला रोजगार
महिला स्वावलंबन ट्रस्ट से दस हजार महिलाओं को रोजगार मिला है। 600 से ज्यादा समूहों से आस-पास के इलाकों की महिलाओं को भी रोजगार मिला है। ट्रस्ट के प्रेसिडेंट सुरेन्द्र के मुताबिक महज दो सालों में ओडीओपी योजना के तहत दस लाख प्रतिवर्ष की आय ट्रस्ट को हो रही है। यूपी सरकार द्वारा ओडीओपी योजना के तहत महिलाओं को ट्रेनिंग दी जा रही है जिससे वो आत्मनिर्भर बन सफलता की नई इबारत लिख रही हैं।
औषधीय व जैविक खेती के लिए कर रहे प्रोत्साहित
प्रतापगढ़ के पट्टी में बने किसान देवता मंदिर ट्रस्ट योगी सरकार की किसानों से जुड़ी योजनाओं का लाभ ग्रामीण लोगों को दिला रहे हैं। किसान देवता मंदिर 500 एकड़ में औषधीय एवं जैविक खेती के लिए किसानों को प्रोत्साहित कर रहे हैं। इसके साथ फूड प्रोसेसिंग यूनिट का निर्माण कर जैविक कृषि उत्पादों को संरक्षित एवं सुरक्षित कर के कृषि उपज का अधिकतम मूल्य दिलवाने का काम किया जा रहा है।