लखनऊ। डॉ राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान में युवती की मौत पर पिता ने डॉक्टरों पर इलारज में लापरवाही बरतने आरोप लगाया है। आरोप है कि रात में नर्सिंग स्टाफ कमरा बंद करके सोने चला जाता है, डाक्टर पहुंचता नहीं है। मरीज परेशान होता रहता है, लेकिन कोई सुनवाई नही है। पिता ने डॉक्टरों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करने के लिए तहरीर दी गई है। इस प्रकरण में पिता जेबी सिंह ने मुख्यमंत्री, चिकित्सा शिक्षा मंत्री से भी शिकायत करने के साथ ही पुलिस अधिकारियों से कार्रवाई कर न्याय दिलाने की मांग की है। फि लहाल शिकायत मिलने के बाद लोहिया संस्थान प्रशासन ने जांच कमेटी बना दी है।
आदिल नगर निवासी जेबी सिंह ने विभूति खंड थाने में दी गई तहरीर में आरोप लगाया है कि उनकी 21 बेटी की फेफड़े में पानी होने की शिकायत पर 6 अक्टूबर को भर्ती कराया गया। दवाओं को देने के बाद दस अक्टूबर को डिस्चार्ज कर दिया गया। इसके बाद 11 अक्टूबर को फिर तबियत बिगड़ने पर दोबारा भर्ती कराया गया। तेरह की रात में ज्यादा तबियत बिगड़ने पर युवती को वेंटिलेटर पर शिफ्ट किया गया। हालत में सुधार होने पर 14 को वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया ,लेकिन सांस लेने में दिक्कत होने के कारण आक्सीजन लगी थी। 25 अक्टूबर की रात को उसकी हालत बिगड़ गई। रात के समय उन्होंने इमरजेंसी में मौजूद डाक्टरों से गुहार लगाई। उनका आरोप है कि डा. विक्रम व डा. सुजीत शाही को फोन पर ड¬ूटी पर मौजूद नर्स को नींद की दवा देने के लिए कहा गया। उनका आरोप है कि नर्स दूगने पावर की दवा दे दी, जब कि आधी गोली देने के लिए कहा गया। इसके बाद उनकी बेटी सो गयी, लेकिन पल्स रेट व ब्लड प्रेशर घटने लगा। इस दौरान डाक्टर को बुलाया आैर अपने कमरे में सो रही नर्स को बुलाया गया तो वह भी नही आयी। वार्ड ब्वाय के कहने पर इमरजेंसी भी जाकर डाक्टर को बेटी की तबियत बिगड़ने की जानकारी दी गयी, लेकिन कोई नहीं आया। आखिरकार 26 अक्टूबर की सुबह जब डॉक्टर देखने आए तो बेटी की मौत हो चुकी थी। उनका आरोप है कि अगर समय पर डाक्टर ने आकर बेटी का इलाज कर दिया होता आैर ड¬ूटी पर तैनात नर्सिंग स्टाफ ने मदद की दी होती तो उनकी बेटी जिंदा होती। उन्होंने पूरे प्रकरण में संस्थान के चिकित्सकों पर लापरवाही का आरोप लगाया है। लोहिया संस्थान के प्रवक्ता डा. श्री केश का कहना है कि इलाज में लापरवाही का आरोप बेबुनियाद है। परिजनों की शिकायत के आधार पर जांच कमेटी बना दी गई है। कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।