लखनऊ।अगर सावधानी नहीं बरती ,तो ,तो कोरोना की दूसरी लहर राजधानी में भी आ सकती है। ऐसा कोरोना संक्रमण के इलाज में जुटे विशेषज्ञ डाक्टरों का मानना है। उनका कहना है कि त्योहरों में बाजारों से लेकर अन्य सार्वजनिक स्थानों पर लोग मास्क व सोशल डिस्टेंसिग का पालन नहीं कर रहे है। यह खतरे की घंटी है।
किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के चिकित्सा अधीक्षक व कोरोना बीमारी पर शोध व मरीजों के इलाज में जुटे डा. डी हिंमाशु का कहना है कि यह सही है कि कोरोना का प्रकोप कम हुआ है, लेकिन लोग प्रोटोकाल के नियमों को तोड़ रहे है। ज्यादातर लोग मास्क व सेनिटाइजर के अलावा सोशल डिस्टेस्टिंग का प्रयोग नहीं कर रहे है। यह रिस्क है। उन्होंने बताया कि दुर्गा पूजा के दौरान भी कोरोना संक्रमण पर नजर रखी जा रही थी। उस दौरान भी बाजारों व सार्वजनिक स्थलों पर भीड़- भाड़ काफी देखी गयी थी,लेकिन अभी तक संक्रमण बढ़ने की स्थिति नही आ पायी है। वर्तमान स्थिति में लोगोंको सावधानी आवश्यक है। उन्होंने बताया कि त्योहार होने के बाद लगभग एक सप्ताह काफी संवेदनशील हो सकते है। उन्होंने कहना है कि लोगों से लगातार अपील की जा रही है। फिर भी अभी रिस्क बना हुआ है। केजीएमयू के मेडिसिन विभाग के वरिष्ठ व जिरियाट्रिक मेडिसिन विभाग के प्रमुख डा. कौसर उस्मान का भी मानना है कि सर्दी के मौसम में वायरल डिजीज तेजी से बढ़ता है। ऐसे में कोेरोना संक्रमण से बचने के लिए प्रोटोकाल आवश्यक है। स्वास्थ्य विभाग के डाक्टरों का मानना है कि लोगों से अपील की जा रही है कि कोरोना प्रोटोकाल के नियमो का पालन करे। दुकानो में सेनिटाइजर होना आवश्यक है आैर साथ में आने वालों को मास्क लगाये रहने की अपील भी करना जरुरी है।