दिल्ली में इलाज के दौरान छात्र नेता ने तोड़ा दम
लखनऊ। बुंदेलखंड विश्वविद्यालय में हुए गोलीकांड में घायल छात्र नेता की रविवार को मौत हो गई। इससे बुंदेलखंड की सियासत गरमा गई है। विपक्ष ने इसे सरकार की विफलता बताया है तो सरकार ने दोषियों पर सख्त कार्रवाई का निर्देश दिया है। उधर घटना के आरोपियों को पुलिस ने जेल भेज दिया है। पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही है।
बुंदेलखंड महाविद्यालय में शुक्रवार को एमए मनोविज्ञान द्वितीय वर्ष के छात्र और मध्य प्रदेश के निवाड़ी जिले के मंथन सिंह सेंगर
और मथुरा के थाना शेरगढ़ के जटवारी गांव निवासी छात्र हुकुमेंद्र सिंह के बीच विवाद हो गया था। आरोप है कि मंथन सिंह की ओर से की गई फायरिंग में हुकूम महेंद्र सिंह को गोली लग गई थी। आरोपी ने
कॉलेज से निकलकर गोंदू कंपाउंड के चाणक्यपुरम में रहने वाली एमए इतिहास द्वितीय वर्ष की छात्रा कृतिका त्रिवेदी को गोली मारकर हत्या कर दी थी। मोके पर ही लोगों ने आरोपी को पकड़कर पुलिस के हवाले कर दिया था। गंभीर हालत में हुकुमेंद्र को उपचार के लिये मेडिकल कॉलेज भर्ती कराया था। जहां से उसे दिल्ली भेज दिया गया था। उपचार के दौरान हुकुमेंद्र की मौत हो गई। छात्र की मौत की जानकारी से बुंदेलखंड की सियासत गरमा गई है। विश्वविद्यालय में हुए इस गोलीकांड और कालेज की छात्रा की हत्या को राजनीतिक ताना-बाना देने का प्रयास किया जा रहा है। हालांकि अभी पुलिस पूरे मामले की जांच होने की दुहाई देकर कुछ भी बोलने से बच रही है। लेकिन विपक्षी दलों के नेता इसे कानून व्यवस्था की विफलता बता रहे हैं।