यूपी का गुड़ दुनिया में बनाएगा अलग पहचान : सीएम योगी

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गुड़ के औषधीय गुणों के प्रति आम जनता को जागरूक करना है

लखनऊ – आज से 4 साल पहले गन्ना किसानों की स्थिति खराब थी। पाँच, छह, सात वर्षों तक गन्ना भुगतान नहीं होता था। खांडसारी उद्योग को पूरी तरह से बंद कर दिया गया था। लाइसेंस नहीं मिला। हमने सत्ता में आते ही स्थिति बदली। आज आवेदन करने के कुछ ही घंटों के अंदर उसको लाइसेंस भी मिलता है। लाइसेंस शुल्क है ऑफलाइन व्यवस्था कर दी गई है। 15 किलोमीटर की बजाय 7 किलोमीटर के दायरे में कोई खांडसारी उद्योग लग सकता है। उसका परिणाम यह है कि उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर, शामली हो अयोध्या, लखीमपुर खीरी, शाहजहाँपुर जैसे गन्ना बाहुल्य जनपद हैं, वहाँ के किसानों के द्वारा जो गन्ना पैदा किया जाता है, उसे उससे बीज न केवल स्थानीय स्तर पर बल्कि देश और दुनिया के स्तर पर पर उन्हें एक नई पहचान और नए लाभकारी मूल्य होने के नाते।

 

 

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को लखनऊ स्थित इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में राज्य के गन्ना विकास विभाग द्वारा आयोजित दो दिव्यांग ‘राजकीय महोत्सव 2021’ का उद्घाटन किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि मुझे प्रसन्नता की की प्रदेश के साठ लाख किसानों के जीवन में परिवर्तन लाने के उद्देश्य से राज्य सरकार के प्रयासों से आज राज्य चाहे वह पर्व एक नई ऊंचाइयों को छूता हुआ दिखाई दे रहा है। स्थानीय उत्पाद को बाज़ार मिले उसकी ब्रांडिंग हो सके और वह देश और दुनिया में उत्पाद जाय के किसान को अधिक से अधिक लाभकारी मूल्य दे सके, इस उद्देश्य से यह कार्यक्रम शुरू हो रहे हैं। मैं इस कार्यक्रम के लिए प्रदेश के गन्ना मंत्री को, अपर मुख्य सचिव गन्ना और आबकारी को और उनकी पूरी टीम को हृदय से एक सफल आयोजन के लिए बधाई देता हूं। मैंने कई पंडालों का निरीक्षण किया है। एक नई रुचि जागृत हुई है स्वास्थ्य के प्रति स्वच्छता के प्रति भी, स्वच्छता के प्रति भी जो एक नई जागरूकता है नए भारत की नई सोंच है। प्रधानमंत्री मोदी जी ने देश को स्वच्छ भारत मिशन के माध्यम से जो एक नई सोंच स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता दी है, वह हमेशा हर जगह प्रभावी रहेगा।

सीएम ने बताया कि हमारे बचपन में चीनी का दाम ज्यादा था और गुड़ का दाम कम हुआ था। आज अपने औषधीय गुणों के कारण ग्राम का दाम चीनी की अपेक्षा बढ़ा है। प्रदेश में सात लाख गन्ना किसानों हैं, 27 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में गन्ने की खेती होती है। नई व्यवस्था से उन गन्ना किसानों को जोड़ने के लिए उनकी स्लिप की व्यवस्था करने का कार्य हमने किया है। 125600 करोड़ से अधिक गन्ना मूल्यों का भुगतान किया गया है। कोरोना काल में जब अन्य राज्यों में चीनी मिलें बंद हुईं तो हमने राज्य की चीनी मिलें चलाई। जब तक गन्ने की एक भी फसल खड़ी हो जाती है तब तक कोई चीनी मिल बंद नहीं होनी चाहिए। अभी तक 53% से अधिक गन्ना मूल्यों का भुगतान किया जा चुका है। ग्राम प्रदेश के अंदर नया ब्रांड बन रहा है। हम प्रदेश के तीन जनपदों मुजफ्फरनगर, अयोध्या लखीमपुर में ओडीओपी के रूप में गुड़ को शामिल किया गया है। मुझे विश्वास है कि प्रोडक्ट आप सबके इन उत्पादों को आंतरिक पहचान दिलाने का काम करेगा और गन्ना किसानों को लाभकारी मूल्य दिलाने में भी सहायक होगा।

गौरतलब है कि आजादी के बाद पहली बार गुड़ महोत्सव का आयोजन हो रहा है। इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य ग्राम उत्पादक किसानों को गुड़ उत्पादन और उसके सह-उत्पाद निर्माण हेतु प्रेरित करना और गुड़ के औषधीय गुणों के प्रति आम जन मानस को जागरूक करना है। अपने आप में इस अनधिकृत महोत्सव में प्रदेश के विभिन्न जिलों से आये ग्राम उत्पादकों द्वारा गुड़ एवं इसके सह उत्पादों के विभिन्न उत्पादों पर रोक लगाई गई है। इन स्टॉलों पर गुड़ से बनी चाय, गुड़ से बने लड्डू, कुल्फी, जलेबी, हलवा, खीर, सोंठ, सौंफ, तिलय, मुंगफली, गजक, काजू, बादाम, केसर युक्त गुड़ और गुड़ के गुलगुले, गुड़ की ही चॉकलेट आदि हैं। कई उत्पादों और व्यंजनों का लोग जमकर लुत्फ उठा रहे हैं।

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