लखनऊ । किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय में एक बार फिर जूनियर डॉक्टर की भर्ती में गड़बड़ी का आरोप लगा है। भर्ती का विज्ञापन जारी होते ही संस्थान के आरक्षित वर्ग के शिक्षकों ने गड़बड़ी का आरोप लगाकर संस्थान प्रशासन से विरोध जता दिया। इसके बाद फि लहाल इंटरव्यू प्रक्रिया को टाल दिया गया हंै। इस बारे में केजीएमयू कुलपति ले. जन. प्रो. विपिन पुरी का कहना है कि कहीं कोई गड़बड़ी नही है। नियमानुसार ही कार्य हो रहा है।
बताते चले कि केजीएमयू के दंत संकाय के पांच विभागों में रेजीडेंट भर्ती के लिए 24 फरवरी को विज्ञापन निकला। आरोप है कि किसी भी विभाग में आरक्षण रोस्टर का पालन नहीं किया। विज्ञापन में रिजर्व कोटे की सीट ही नहीं दी गयी। इसी प्रकार मेडिकल संकाय के विभिन्न विभागों में 2 मार्च को विज्ञापन जारी किया गया, लेकिन इसमें भी आरक्षण रोस्टर को दरकिनार कर दिया गया। आरक्षण नियमों का पालन करने के लिए दबाव बनने लगा आैर विरोध भी शुरू हो गया। इसके बाद दंत संकाय का तीन मार्च को प्रस्तावित साक्षात्कार नोटिस निकालकर रोक लगा दी। वहीं मेडिकल संकाय में भी प्रस्तावित चार मार्च के साक्षात्कार को भी रोक दिया। बताते चले कि इस पहले भी रेजीडेंट डाक्टर भी भर्ती में गड़बड़ी का आरोप लगा था आैर इसके बाद लम्बी कार्रवाई के बाद ही भर्ती की गयी थी। गड़बड़ी होने पर केजीएमयू के दो वरिष्ठ शिक्षकों पर आरोप भी लगा था।