लखनऊ। कोरोना संक्रमण लगातार बढ़ते रहने के कारण किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय प्रशासन ने एक बार फिर ओपीडी के नियमों में बड़ा फेरबदल कर दिया है। अब बिना ऑनलाइन पंजीकरण ओपीडी में मरीज नहीं देखे जाएंगे। अभी तक ओपीडी में ही पंजीकरण हो रहे थे, जिस पर पूरी तरह से रोक लगाने के निर्देश है। ओपीडी में बिना कोविड की नेगेटिव रिपोर्ट के मरीज अंदर नही जा सकेंगे। केजीएमयू प्रशासन नयी व्यवस्था 30 मार्च से लागू करने निर्देश दिये है। इसके अलावा पीजीआई की ओपीडी में ऑनलाइन पंजीकरण के बाद ही ओपीडी में मरीजों को देखने की तैयारी चल रही है। बताया जाता है कि पीजीआई प्रशासन भी होली के तत्काल बाद यह ऑनलाइन पंजीकरण के साथ ही मरीजों की कोविड रिपोर्ट को अनिवार्य कर सकता है। इसके अलावा गोमती नगर स्थित डा. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान में ओपीडी में व्यवस्था ऑन लाइन व्यवस्था पर विचार किया जा रहा है।
बताते चले कि केजीएमयू की कोरोना काल के बाद ओपीडी शुरू होने के बाद से प्रदेश के विभिन्न जनपदों से लगातार मरीज आना शुरू कर दिया था। अगर केजीएमयू के आंकड़ों को देखा जाए , तो ओपीडी में सामान्य दिनों में नये पुराने मिलाकर लगभग 10 हजार मरीज आ जाते हैं। ओपीडी में अभी तक ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों ही तरीकों से पंजीकरण किया जा रहा था। ओपीडी में भी धीरे-धीरे व्यवस्था की गाड़ी पटरी पर आने लगी थी, लेकिन कोरोना के केस बढ़ने के बाद केजीएमयू प्रशासन ने ओपीडी की व्यवस्था में फिर से परिवर्तन कर दिया है।
केजीएमयू के चिकित्सा अधीक्षक पर 25 मार्च को सभी विभागों को पत्र भेज कर ओपीडी में मरीज देखने की जानकारी दी गयी है। जारी हो रहे नये निर्देश के अनुसार ओपीडी में एक मरीज के साथ एक ही तीमारदार जा सकेंगे। उसके पास भी कोविड की आरटीपीसीआर नेगेटिव रिपोर्ट जरूरी होगी। नई व्यवस्था का खामियाजा मरीजों को भुगतना पड़ेगा। नये निर्देश के अनुसार केजीएमयू में अब सिर्फ इमरजेंसी सर्जरी किये जाएंगे। रुटीन सर्जरी को फिलहाल टालने के निर्देश है। इस नये निर्देश के बाद लगभग 29 0 मरीजों के सर्जरी टल गए हैं।
चिकित्सा अधीक्षक डॉ. डी हिमांशु की तरफ से यह आदेश जारी कर दिया गया है। पिछले साल केजीएमयू में बड़ी संख्या में डॉक्टर और कर्मचारी संक्रमण की चपेट में आ गए थे। आदेश में कहा गया है कि इमरजेंसी में आने वाले मरीजों के ऑपरेशन किए जाएं। टल सकने वाले सामान्य मरीजों के सर्जरी टाल दी जाए।