लोहिया संस्थान : ओपीडी में एक अप्रैल से यह परिवर्तन

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लखनऊ। कोरोना संक्रमण को बढ़ता देख गोमती नगर स्थित डा. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान की ओपीडी में अब बिना कोरोना जांच रिपोर्ट के मरीज प्रवेश नहीं कर सकते है। संस्थान ने मरीजों के लिए ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरह विकल्प ओपीडी पंजीकरण रखा है, लेकिन निर्धारित संख्या पूरा होते ही ओपीडी में पर्चा का पंजीकरण हो जाएगा। यह व्यवस्था एक अप्रैल से सख्ती के साथ लागू की जाएगी।
केजीएमयू के बाद लोहिया संस्थान ने ओपीडी सेवाओं में व्यवस्था परिवर्तन कर दिया है। यहां पर अब मरीज व उनके तीमारदार को कोरोना की नेगेटिव जांच रिपोर्ट के बाद ही ओपीडी में प्रवेश दिया जाएगा। जांच रिपोर्ट सिर्फ आरटीपीसीआर ही मानी जाएगी। कोरोना संक्रमण कम होने पर अभी तक बिना जांच मरीज देखे जा रहे हैं।
संस्थान के मीडिया प्रवक्ता डॉ. श्रीकेश सिंह कहना है कि व्यवस्था में परिवर्तन के बाद सुपरस्पेशियलटी विभागों की ओपीडी में प्रतिदिन 25 नये व 25 पुराने मरीज ही डाक्टर से परामर्श ले सकेंगे। इसके अलावा सामान्य विभागों में प्रतिदिन 100 मरीज ही देखे जा सकेंगे, लेकिन ओपीडी में विभाग की पर्चो की निर्धारित संख्या पूरी होते ही पंजीकरण बंद कर दिया जाएगा। मरीज व तीमारदार को अपना वैध पहचान पत्र ही मान्य होगा।
उन्होंने बताया कि पहली अप्रैल से नई व्यवस्था लागू की जा रही है। संस्थान परिसर में भी मरीज व तीमारदार को मास्क लगाना अनिवार्य होगा। यहीं नहीं डॉक्टर व कर्मचारियों को भी मास्क पहनकर ही काम करने के सख्त निर्देश दिए गए हैं। इसके अलावा लोहिया संस्थान सभी विभागों की ओपीडी के सामने हेल्प डेस्क भी बनायी जा रही है। इसके अलावा ओपीडी में भीड़ को नियंत्रित करने के विशेष इंतजाम किये जा रहे है। विशेष ध्यान रखा जाएगा कि प्रोटोकाल के तहत एक मरीज के साथ एक तीमारदार को ही ओपीडी में प्रवेश कर सकेगा।

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