लखनऊ। कोरोना संक्रमण काल में सबसे ज्यादा संक्रमित मरीज राजधानी में बृहस्पतिवार को मिले है। यहां संक्रमित मरीजों का आंकड़ा 2369 पहुंच गया है। इसके साथ कोरोना की दूसरी लहर में सबसे ज्यादा ग्यारह मौत आज ही विभिन्न कोविड हास्पिटलों में हुई है, कोरोना संक्रमण से ठीक होने वाले मरीजों की संख्या 461 है। आंकड़ों को देखा जाए तो अस्पतालों में इलाज कर रहे डाक्टरों, पैरामेडिकल स्टाफ भी तेजी से कोरोना संक्रमण की चपेट में आ रहे है। केजीएमयू के न्यूरो सर्जरी विभाग में ही 26 व कर्मचारी कोरोना संक्रमण की चपेट में आ गये है। सबसे ज्यादा कोरोना की चपेट में केजीएमयू के डाक्टर व पैरामेडिकल स्टाफ आया है।
राजधानी में कोरोना संक्रमण व्यापक रूप से फै ल रहा है। बृहस्पतिवार को स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार राजधानी में संक्रमित मरीजों की संख्या 2369 पहुंच गयी। अगर देखा जाए तो अब तक के कोरोना संक्रमण काल में सबसे ज्यादा मरीज मिले है। बताया जाता है कि यह संक्रमण की संख्या आैर तेजी से बढ़ने की उम्मीद है। यही नहीं राजधानी के विभिन्न कोविड हास्पिटलों में कोरोना के गंभीर मरीज तेजी से बढ़ रहे है। कोरोना की दूसरी लहर में ग्यारह मरीजों की मौत आज राजधानी में हो गयी। यह संक्रमण की दूसरी लहर में अब तक की सबसे ज्यादा मौत हैकेजीएमयू में लगातार कोरोना संक्रमण की चपेट में डाक्टर, पैरामेडिकल आ रहे है यहां पर अब तक 70 से ज्यादा डाक्टर व पैरामेडिकल कोरोना संक्रमण की चपेट में आ चुके है। बृहस्पतिवार को केजीएमयू के न्यूरो सर्जरी विभाग में डाक्टर व कर्मचारी सहित 26 लोग कोरोना संक्रमण की चपेट में आ गये। इससे विभाग में हड़कम्प मच गया। केजीएमयू प्रशासन विभागों में लगातार स्क्रीनिंग करा रहा है ताकि संक्रमित लोग की पहचान किया जा सके। इसक अलावा एनके रोड स्थित बाल महिला अस्पताल में चार डाक्टर आैर कर्मचारी संक्रमण की चपेट में आ गये। बलरामपुर अस्पताल में भी दो डाक्टर आैर दो लैबटेक्नीशियन, एक माइक्रोबायोलाजिस्ट कोरोना संक्रमण की चपेट में आ गये। सिविल अस्पताल के लैब में भी एक कर्मी कारोना की चपेट में आ गया है। स्वास्थ्य विभाग के अनुसार बृहस्पतिवार को 25480 लोगों के सैम्पल लिए गये है। इसके अलावा सक्रिय होम आइसोलेशन में 6061 मरीज है।
उधर लखनऊ विश्वविद्यालय के बाद अब बाबा साहेब भीमराव अम्बेडकर केन्द्रीय विश्वविद्यालय (बीबीएयू) को कोरोना संक्रमण ने अपने चपेटे में ले लिया है। वहां भी करीब पांच शिक्षक और कर्मचारी संक्रमित हो गए हैं। लिहाजा विश्वविद्यालय प्रशासन ने परिसर को 15 अप्रैल तक के लिए बंद कर दिया है।