Kgmu: मरीजों की उच्चस्तरीय होगी चिकित्सा व्यवस्था

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लखनऊ। किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. विपिन पुरी अपना कार्यकाल का एक वर्ष पूरा होने पर kgmu में चिकित्सा व्यवस्था से लेकर शैक्षिक व्यवस्था सहित अन्य महत्वपूर्ण स्थानों पर परिवर्तन के लिए खाका खींच चुके हैं।
प्रोफेसर पुरी बुधवार को किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के ब्राउन हाल में उपलब्धियों को बताने के साथ ही भविष्य की योजनाओं का भी खुलासा किया। उन्होंने दावा किया कि यहां मरीजों के उच्च स्तरीय चिकित्सा व्यवस्था मुहैया कराने के लिए एक पारदर्शी सिस्टम विकसित किया जाएगा। प्रोफेसर पुरी ने बताया कि केजीएमयू की देश में संस्थान की छठी रैंक है। उन्होंने बताया डॉ. शैली अवस्थी, डॉ. आरके गर्ग को विश्व के बेहतरीन साइंटिस्ट में चुना गया है। डॉ. पुरी ने बताया कि कोरोना काल में मरीजों को ऑक्सीजन की दिक्कत न हो इसके लिए एक अन्य प्लांट बन रहा है, जहां 1000 लीटर प्रति मिनट की दर से ऑक्सीजन तैयार होगी। कुलपति ने बताया कि फैकल्टी की कमी को दूर करने के लिए 73 भर्तियां हुईं और 46 शिक्षकों के प्रमोशन किए गए हैं। डाक्टरों के वेतन में बढ़ोतरी होगी। उन्होंने बताया ओपीडी में आने वाले मरीजों को डाक्टर जेनेरिक या ब्रांडेड में कौन सी दवाएं लिख रहे हैं। फार्माकोलॉजी विभाग की फार्मा विजलेंस टीम ओपीडी में जांच कर यह पता लगाएगी कि डाक्टर मरीजों कोई खास दवाएं तो नहीं लिख रहे है।
कुलपति प्रो. पुरी ने बताया कि ब्लड बैंक के नियमों को बदला जा रहा है। ब्लड बैंक से जो रक्त मरीज के लिए दिया जाएगा। वह मरीज को चढ़ाया गया। उसकी जानकारी भी संबंधित अस्पताल व निजी चिकित्सा संस्थान से ली जाएगी । जहां पर मरीज के लिए ब्लड ले जाया गया। केजीएमयू की सीक्रेट टीम ब्लड बैंक से निकलने ब्लड मरीज को नहीं चढ़ाया गया। उसे ब्लड बैंक को वापस करना होगा। हर पाउच पर एक विशेष मुहर लगाई जाएगी। केजीएमयू जल्द ही ई-ऑफिस साफ्टवेयर क्रय करेगा। इसके बाद वीसी ऑफिस आने व जाने वाली सभी फाइलों को साफ्टवेयर के जरिए ट्रेक किया जा सकेगा।
केजीएमयू कुलपति का कहना है कि संस्थान को पूरी तरह से कैशलेस किए जाने की तैयारी चल रही है। आने वाले तीन चार माह में यह व्यवस्था लागू हो जाएगी। मरीज के भर्ती होने के समय एक कार्ड बनेगा जिसे पैसों से रिचार्ज कराया जाएगा। उसी कार्ड से भी विभागों के भुगतान होंगे। कभी भी कैश रुपया नहीं देना होगा। इसके अलावा संस्थान में एचआरआफ(हॉस्पिटल रिवॉल्विंग फण्ड) सिस्टम लागू हो जाएगा। तीमारदारों को दवा लेने बाजार नहीं जाना होगा।

यह योजनाएं हैं प्रस्तावित

कुलपति प्रो. पुरी ने बताया कि कई योजनाएं चल रही हैं जो कि जल्द में शुरू हो जाएंगी।
– रिसर्च के लिए एक छत के सभी सुविधाएं होंगी। काउंसलर व फण्डिंग की व्यवस्था होगी।
– रोबोटिक सर्जरी शुरू करने की योजना।
– यूजी छात्रों के लिए जीनोमिक्स ट्रेनिंग प्रोग्राम चलेगा।
– पैट स्कैन सीटी स्कैन व एमआरआई की आधुनिक मशीन लगेगी।

– कमजोर स्टूडेंट के काउंसलर होंगे।
– दिव्यांग बच्चों की मदद के लिए कमेटी।
– पढाई के बाद नौकरी दिलाने में संस्थान मदद करेगा।
– पांच हजार में लाइब्रेरी की ऑनलाइन मेम्बरशिप दी जाएगी।
– चार साल फेल होने वालों को दो बार और मौका मिलेगा।
– प्रिस्क्रिप्शन ऑडिट सेल बनेगा।
– सौ बेड का पीडियाट्रिक आईसीयू बनेगा।
– एनआईवी पूने की तरह से बीएस-4 प्रयोगशाला बनाने की तैयारी।

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