लखनऊ। किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के क्वीन मेरी अस्पताल में महिला मरीज के अंडाशय से 31 किलों का ट¬ूमर को सफ लता पूर्वक सर्जरी करके निकाला गया। इस सर्जरी को प्रो. एसपी जैसवार के साथ प्रो. सीमा मेहरोत्रा एवं डा. मोनिका अग्रवाल और इनकी जूनियर डॉक्टर्स की टीम ने सफलता के साथ अंजाम दिया। सर्जरी के बाद मरीज अब स्वस्थ्य है।
शाहजहाँपुर निवासी महिला मरीज (50) वर्षीय से पेट दर्द से परेशान थी। इसके बाद उसका पेट अचानक बढ़ने लगा। एक साल के अन्दर ही करीब इतना बढ़ा कि उनके कमर की परिधि लगभग 61 इंच हो गयी। प्रो. एस पी जैसवार का कहना है कि अक्सर इतना बड़ा ट्यूमर नहीं मिलता है, क्योकि अंडाशय का ट्यूमर पहले ही अल्ट्रासाउण्ड, सीटी, एमआरआई जैसी नयी तकनीकों के द्वारा पता लगा लिया जाता है , इस मरीज ने किसी डॉक्टर को दिखाया ही नही। जब पेट ज्यादा बढ़ने लगा और उसे साँस लेने में तकलीफ होने लगी तब जाकर उन्होंने कई अस्पताल में दिखाया, लेकिन सही इलाज नहीं मिल सका। वह अन्त में मरीज क्वीन मेरी अस्पताल में पहुंची। यहां पर उसकी सभी जॉचे और सीटीस्कैन कराये गये। इसके जांच में कैसर मार्कर खून में बढ़े हुए मिले और सीटीस्कैन में भी कैंसर की सम्भावना दिखायी दी। उन्होंने बताया कि मरीज का पेट बहुत बड़ा होने के कारण वह एमआरआई मशीन के अन्दर नहीं जा पायी और जांच नहीं हो पाया। इसके बाद सर्जरी करने का निर्णय लिया गया। सर्जरी लगभग 3 घण्टे चली और एक बड़ा ट्यूमर (अंडाशय) 31 किलो था। बिना पेशाब की थैली और आँतो को कोई क्षति पहुँचाये निकाला गया। उसे विश्वविद्यालय की पैथालोजी विभाग में जॉच के लिए भेजा गया। सर्जरी के दौरान मरीज को दो यूनिट खून भी चढ़ाया गया, इसके बाद मरीज को आईसीयू में रखकर निरीक्षण किया जा रहा है। डा. जैसवार ने बताया कि भारत में अंडाशय का कैंसर महिलाओं में तीसरे स्थान पर है। आईसीएमआर के दिशा-निर्देशों के अनुसार अंडाशय का ट्यूमर बाकी कैंसर की तुलना में 3.34 प्रतिशत होता है।
31 kg का ट्यूमर निकाल, दिया नयी
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