लखनऊ। डा. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान में पेट व आंतों के कैंसर की पहचान के लिए एंडोस्कोपिक बायोप्सी से जांच शुरू कर दी गयी है। यह जांच अभी तक चुनिंदा चिकित्सा संस्थानों में ही मौजूद है। कैंसर की सटीक पहचान बायोप्सी की मॉलीक्यूलर जांच से आसान हो गयी है। यह जानकारी लोहिया संस्थान की निदेशक डॉ. सोनिया नित्यानंद ने सोमवार को इंटरनेशनल एकेडमी ऑफ पैथोलॉजी-इंडियन डिवीजन की 23 वीं वर्षगांठ को संबोधित करते हुए दी। इंटरनेशनल एकेडमी ऑफ पैथोलॉजी के अध्यक्ष डॉ. फ्रांसिस्को क्यूटो इस कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि थे। उन्होंने ने भी कैंसर की नयी तकनीक के बारे में जानकारी दी।
निदेशक डॉ. नित्यानंद ने कहा कि लगातार पेट और आंतों के कैंसर के आंकड़ा लगातार बढ़ रहे है। लोगों की लाइफ स्टाइल के साथ खान-पान बिगड़ रहा है। फास्ट फूड में मैदा, तली-भुनी वस्तु और मिर्च मसाले का लगातार सेवन करने से पेट संबंधी कैंसर के मामलें बढ़ रहे है। लाइफ स्टाइल में परिवर्तन करके कैंसर के खतरों को काफी हद तक कम किया जा सकता हैं। उन्होंने कहा कि पेट एवं आंतों की एंडोस्कोपिक बायोप्सी ली जाती है। इसमें मांस का टुकड़ा एक सेंटीमीटर से भी कम होता है। उनकी मॉलीक्यूलर जांच की सुविधा संस्थान में शुरु हो गयी है। यह जांच गिनेचुने संस्थानों में ही हो रही है।
उन्होंने बताया कि बायोप्सी की मॉलीक्यूलर जांच से कैंसर का सही पता लगाया जा सकता है। कैंसर की सटीक पहचान से इलाज करने में आसानी हो जाती है। कार्यक्रम में पैथोलॉजी विभाग की अध्यक्ष डॉ. नुजहत हुसैन समेत अन्य डॉक्टर मौजूद रहे।