लखनऊ। कोरोना से जंग जीत लेने के बाद अब मरीजों में बाल झड़ने की समस्या तेजी से बढ़ रही है। इसके साथ ही लोगों को बालों में फंगल इंफेक्शन दिक्कत आ रही है। सरकारी अस्पतालों से लेकर निजी अस्पतालों की ओपीडी में कोरोना के फालोंअप मरीजों में हेयर फाल यानी बालों का लगातार तेजी से गिरने की दिक्कत वाले मरीज पहुंच रहे है, जिनको स्किन एंड डर्मटोलॉजी विशेषज्ञ डाक्टर इलाज कर रहे है।
सिविल अस्पताल के त्वचा रोग विशेषज्ञ डा. डीपी पांडे का कहना है कि उनकी ओपीडी में कोरोना से ठीक होने के तीन महीने बाद बाल झड़ने की दिक्कत ज्यादा हो रही है। पुरुष हो या महिला दोनों में यह दिक्कत सामान्य रूप से हो रही है। इसके साथ काफी संख्या में मरीजों के फंगल इंफेक्शन भी मिल रहा है। डा. पांडे ने बताया कि मरीजों को हाई प्रोटीन डाइट लेने का परामर्श दिया जाता है। इसके साथ ही दवाओं को नियमित रूप से सेवन करने का परामर्श दिया जाता है। लगभग दो महीने में बाल गिरना बंद हो जाते है, लेकिन मरीज को डाक्टर से परामर्श के बाद ही दवाओं का सेवन करना चाहिए। उनका कहा है कि ज्यादातर लोगों में पोस्ट कोविड में टिलोजेन इफ्लूवियम डिजीज से बाल झड़ रहे है। वरिष्ठ कॉस्मेटॉलजिस्ट डॉ. देबराज शोम ने बताया कि कोरोना से ठीक होने वाले मरीजों में अब बाल झड़ने की समस्या टिलोजेन इफ्लूवियम डिजीज होने जाने के कारण आ रही है। उन्होंने बताया कि कोरोना काल में लगातार किये गये शोध में क्यूआर 678 दवा ज्यादा कारगर पायी गयीं है। मरीजों के बाल गिरना बंद होने के साथ ही दोबारा उगने लगे। उनका यह शोध पत्र एक महीने पहले जर्नल ऑफ कॉस्मेटिक डर्मटॉलजी में प्रकाशित हुआ है। उन्होंने बताया कि क ोरोना संक्रमण के बाद अगर बाल गिरने की समस्या होने लगे, तो तत्काल विशेषज्ञ डाक्टर से परामर्श लेना चाहिए। ताकि जल्द से जल्द बाल गिरने की समस्या पर निंयत्रण पाया जा सके। लेकिन ज्यादातर मरीज लोगों के परामर्श पर या घरेलू इलाज करने लगते है, जिससे समस्या ज्यादा बढ़ जाती है। तब डाक्टर के यहां पहुंचते है।