लखनऊ । अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा चयन सूची जारी ना होने से नाराज होम्योपैथिक फार्मेसिस्ट अभ्यर्थी फिर एक बार मंगलवार को लखनऊ में आयोग के समक्ष एकत्रित होकर प्रदर्शन करेंगे ।
फार्मेसिस्ट फेडरेशन उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष सुनील यादव ने बताया कि लम्बे समय से रोजगार की आस देख रहे फार्मेसिस्ट बार बार आयोग के आश्वासन से निराश हो रहे हैं । आयोग ने परीक्षा परिणाम जारी करने के उपरांत 2 बार प्रपत्रो का वेरिफिकेशन भी कर लिया है , साथ ही विज्ञप्ति जारी कर यह कहा था कि सितम्बर माह में अंतिम चयन सूची जारी कर दी जाएगी लेकिन सितम्बर माह बीतने के बादभी सूची जारी नही हुई ।
विज्ञापन संख्या 02/2019 होम्योपैथिक फार्मासिस्ट की भर्ती उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा 18 फरबरी 2019 में निकाली गई थी। इसकी परीक्षा 24 अक्टूबर 2019 में आयोग द्वारा संपन्न करा लिया गया एवं इस भर्ती का रिजल्ट काफी धरना प्रदर्शन के बाद आयोग द्वारा डेढ वर्ष बाद 17 दिसंबर 2020 को जारी किया गया। और उसके बाद आयोग में धरना प्रदर्शन के बाद आयोग द्वारा अभिलेख परीक्षण की तिथि मार्च 2021 में घोषित की गई उसके उपरांत 5 महीने बाद दूसरी सूची का अभिलेख परीक्षण अगस्त महीने में संपूर्ण करा लिया गया आयोग द्वारा प्रस्तावित कैलेंडर में होम्योपैथिक फार्मासिस्ट का रिजल्ट सितंबर माह में प्रस्तावित था सितंबर माह बीत जाने के बाद भी आयोग का रवैया ढीला ढाला लचर जस का तस बना हुआ है इस भर्ती प्रक्रिया का 3 साल बीत जाने पर भी आयोग द्वारा अंतिम चयन जारी नहीं किया गया जिससे मानसिक रूप से छात्र 2019 से प्रताड़ित हो रहे हैं और आयोग के लचर रवैए के चलते 5 अक्टूबर को धरना प्रदर्शन करने के लिए विवश हैं । होम्योपैथिक फार्मासिस्ट के छात्र जब भी आयोग अपनी वैकेंसी को लेकर पूछताछ करने जाते हैं आयोग के कर्मचारी डरा धमका कर भगा देते हैं उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग में पिछले साढे 4 वर्षों में 23 भर्तियों में सिर्फ तीन भर्तियों को जॉइनिंग दे सका। जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आ रहा है छात्रों में रोष बढ़ता जा रहा है कि आयोग पुरानी भर्तियों को जॉइनिंग करा पाएगा या नहीं? उनका भविष्य अंधकार में है इसलिए छात्रों का कहना है कि यह भर्ती बोर्ड को बंद किया जाना चाहिए।
फेडरेशन ने मांग की है कि आयोग अतिशीघ्र अंतिम सूची जारी कर अभ्यर्थियों को न्याय दे।