लखनऊ। कोरोना संक्रमित मरीज मिलना कम हो रहे है, लेकिन कोरोना संक्रमण से मरीजों की मौत भी हो रही है। राजधानी में बुधवार को 2096 कोरोना संक्रमित मरीज मिले,जब कि कोरोना संक्रमण से ठीक होने वाले मरीजों की संख्या 3294 कही ज्यादा रही। ठीक होने वाले मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है।
हालांकि कोरोना संक्रमण से 2 मरीजों की इलाज के दौरान मौत हो गयी। राजधानी में अब तक 11 मरीजों की मौत कोरोना संक्रमण के कारण हो चुकी है। डॉक्टरों का मानना है ज्यादातर मौतें पहले से जटिल बीमारियों की चपेट में मरीजों के होने के बाद कोरोना संक्रमण होने के कारण मौत हुई है।
स्वास्थ्य अधिकारियों का कहना है कि राजधानी में कोरोना संक्रमण लगातार कम ज्यादा हो रहा है, खास कर लगभग 15 दिनों में कोरोना संक्रमण तेजी से बढ़ा है। लगभग 15 दिन बाद कोरोना संक्रमण कम होने लगा है। स्वास्थ्य अधिकारियों का कहना है कि लगातार कोरोना संक्रमण से ठीक होने वाले मरीजों की बढ़ती जा रही है। स्वास्थ्य अधिकारियों का कहना है कि कम लक्षणों वाले या बिना लक्षणों वाले मरीज होम ट्यूशन में कोविड गाइडलाइन का पालन करते हुए ठीक हो रहे हैं। बुधवार को कोरोना संक्रमित दो लोगों की मौत इलाज के दौरान हो चुकी है। बताया जाता है यह दोनों मरीज है कोरोना संक्रमण के अलावा अन्य जटिल बीमारियों से पीड़ित चल रहे थे। स्वास्थ्य अधिकारियों का कहना है कि पहले से गंभीर रूप से बीमारी पीड़ित चल रहे मरीजों को विशेष स्वास्थ का ध्यान रखना चाहिए ताकि वह लोग संक्रमित ना हो सके। अधिकारियों को अब तक ग्यारह संक्रमित मरीजों की इलाज के दौरान मौत हो चुकी हैं। आंकड़ों को देखा जाए तो कोरोना संक्रमितों की संख्या में दिन प्रतिदिन कम हो रही है। आंकड़ों को देखे तो रविवार को 2326 लोग कोरोना संक्रमित थे, जबकि मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. मनोज अग्रवाल ने बताया कि रोजाना 20 हजार से अधिक लोगों की जांच करायी जा रही है। अधिक से अधिक लोगों की जांच की रही है। सबसे ज्यादा कोरोना संक्रमित मरीज सम्पर्क में आने वाले लोग है। अगर देखा जाए तो सोमवार को 132 यात्रियों की रिपोर्ट कोरोना से सबसे ज्यादा कान्टेक्ट ट्रेसिंग में मरीज संक्रमित मिले है। काफी संख्या में ऐसे मरीज है जिन्होंने सर्दी-जुकाम व बुखार जैसे लक्षण महसूस होने पर जांच करायी तो रिपोर्ट संक्रमित आ गयी है। इसके अलावा हेल्थ वर्कर संक्रमित मिले है, तो गर्भवती महिलाएं भी कोरोना संक्रमित मिली है। स्वास्थ्य अधिकारियों का कहना है कि संक्रमण से ठीक होने वाली मरीजों से संख्या तो बढ़ी है, लेकिन कोविड-19 का प्रोटोकॉल हर हालत में करना चाहिए।