लखनऊ। किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के श्री पैरामेडिकल संकाय द्वारा स्थापना दिवस समारोह आयोजित किया गया।
कन्वेंशन सेंटर में आयोजित पैरामेडिकल स्थापना दिवस समारोह क का शुभारंभ केजीएमयू कुलपति द्वारा दीप प्रज्वलन करके किया गया। उन्होंने पैरामेडिकल छात्र छात्राओं को शिक्षा के क्षेत्र में उनकी मेहनत और पोस्टिंग द्वारा केजीएमयू के कार्य में सरलता और सुगमता पहुंचाने के लिए सराहा।
पैरामेडिकल संकाय द्वारा 13 डिप्लोमा कोर्सेज और 2 बैचलर कोर्सेज का सफलतापूर्वक संचालन किया ज रहा है, जिसमें लगभग लगभग 850 बच्चों के पठन-पाठन और उनकी पोस्टिंग को मॉनिटर किया जाता है।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में लेफ्टिनेंट जनरल डॉ विपिन पुरी विशिष्ट अतिथि के रूप में श्रीमती अनीता पुरी, प्रति कुलपति डॉक्टर विनीत शर्मा और केजीएमयू के पैरामेडिकल विज्ञान संकाय के डीन डॉक्टर विनोद जैन मौजूद रहे।
कार्यक्रम की शुरुआत करते हुए डॉक्टर विनोद जैन ने स्थापना दिवस के अवसर पर पूरे साल मैं पैरामेडिकल द्वारा किए गए कार्यों का लेखा-जोखा प्रस्तुत किया। पैरामेडिकल की शुरुआत 16/09/2015 को 12 डिप्लोमा के साथ हुई थी, जो कि वर्तमान में 13 डिप्लोमा कोर्सेज और 2 बैचलर कोर्सेज के साथ चल रहा है। डिप्लोमा इन एनेस्थीसिया एंड क्रिटिकल केयर गत वर्ष शुरू होने जा रहा है।
पैरामेडिकल संकाय द्वारा लिए गए ऑनलाइन ऑफलाइन लेक्चर की सूची, छात्र छात्राओं के बेहतर मानसिक एवं शारीरिक स्वास्थ्य के लिए सॉफ्ट स्किल और योगा क्लासेस का भी उल्लेख किया, कोविड-19 की महामारी में छात्र-छात्राओं द्वारा किए गए कार्यों को भी सराहा गया, पैरामेडिकल फैकेल्टी और बच्चों के द्वारा सोशल आउटरीच के द्वारा सेवा के कार्य किए गए, बैच 2015-17 में 79% बच्चों को प्लेसमेंट मिला और बैच 2017-19 में 94 पॉइंट बच्चों को प्लेसमेंट मिला, पैरामेडिकल स्टूडेंट दिव्यांशी गुप्ता ने चेस में केजीएमयू पैरामेडिकल का नाम रोसन किया और नेशनल केलिए नोमिनेट हुई, इस वर्ष पैरामेडिकल CPME का सफलता पूर्वक संचालन किया गया, केजीएमयू गूंज 89.6MHz FM radio station एक अति विसिस्ट उपलब्धि है ।
इस कार्यक्रम का आयोजन पैरामेडिकल विज्ञान संकाय के एकेडमिक सेल कोऑर्डिनेटर राघवेंद्र शर्मा मेंबर वीनू दुबे, श्याम जी रमण मिश्रा, शिवानी वर्मा द्वारा किया गया इस कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए सफल बनाने में पैरामेडिकल विज्ञान संकाय के सभी सदस्यों एवं कर्मचारियों का विशेष योगदान रहा।