लखनऊ। किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय में बायोमैट्रिक सिस्टम लागू होना जा रहा है। इसके बाद अब डॉक्टरों की लेट लतीफी नहीं चलेगी। सभी को निर्धारित समय पर ड¬ूटी पर पहुंचना होगा आैर पूरी ड्यूटी के बाद ही निकल सकेंगे। बायोकेमिस्ट्री सिस्टम में अंगूठे लगाने पर उपस्थिति दर्ज होनी, लेकिन नये नियम में अब चेहरा दिखाने के बाद ही उपस्थिति दर्ज हो सकेगी। केजीएमयू प्रशासन ने कुछ विभागों में प्रयोग के तौर पर बायोमैट्रिक सिस्टम चालू करा दिया है।
केजीएमयू में 450 डॉक्टर व करीब तीन हजार नियमित कर्मचारी तैनात हैं। केजीएमयू प्रशासन ने अनुसार के सभी का सुबह नौ से शाम चार बजे तक इन सभी की ड्यूटी निर्धारित है। केजीएमयू को लगातार डॉक्टर व कर्मचारियों के मनमाने तरीके देर से आने की शिकायतें मिल रही थी। बताया जाता है कि तमाम चेतावनी के बाद भी लेटलतीफी कम नहीं हुई। डाक्टरों के देर से आने की शिकायत राजभवन तक पहुंच गयी। इस शिकायत को राज्यपाल ने प्रकरण को गंभीरता से लिया। तत्काल प्रभाव ने केजीएमयू प्रशासन को बायोमैट्रिक उपस्थिति दर्ज कराने की व्यवस्था के निर्देश दिए गये।
केजीएमयू प्रशासन ने इस निर्देश के बाद बायोमैट्रिक उपस्थिति की व्यवस्था को अंजाम देने के लिए तेजी लाने के निर्देश दिये है। इसके तहत डॉक्टरों व कर्मचारियों का बायोमैट्रिक उपस्थिति के लिए आवश्यक डिटेल दर्ज हो रही है। जल्द ही विभागवार मशीने लगा दी जा रही हैं। बायोमैट्रिक में अभी तक सिर्फ अंगूठा लगाने से मात्र से उपस्थिति दर्ज कराने का प्रावधान किया गया था। राजभवन से नए निर्देश मिलने के बाद इसमें परिवर्तन किया जा रहा है। डाक्टरों को अब मशीन के आगे मुखड़ा (चेहरा) भी दिखाना होगा। तभी उपस्थिति दर्ज होगी। डेंटल यूनिट सहित कुछ अन्य विभाग के डॉक्टर बायोमैट्रिक हाजिरी को बहुत उचित नहीं मान रहे है। उनका कहना है कि कई बार ओपीडी, ऑपरेशन आदि में देर शाम तक रूकना पड़ता है। इस तरह से तो काम का माहौल समाप्त होगा। अगर चार बजे के बाद डाक्टर ड¬ूटी पर मरीज हित में रूका रहता है, तो क्या इसे ओवरटाइम माना जाएगा।