लखनऊ। किं ग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय प्रशासन भले ही डाक्टरों से लेकर कर्मचारियों तक को व्यवहार कुशल बनाने के लिए क्लासेज लगा रहे हो, लेकिन इमरजेंसी ट्रॉमा सेंटर में मरीजों के साथ अभद्रता कम नहीं हो रही है। दो दिन पहले एक मरीज के तीमारदार ने डॉक्टर पर अभद्रता का आरोप लगाते हुए इसका वीडियो सोशल मीडिया में वायरल कर दिया था। इस वायरल वीडियों का संज्ञान उपमुख्यमंत्री ब्राजेश पाठक ने लेते हुए प्रकरण की जांच के आदेश दिये हैं।
केजीएमयू के इमरजेंसी ट्रॉमा सेंटर में 446 बिस्तर हैं,यहां पर प्रदेश भर से मरीज ट्रॉमा सेंटर में भर्ती होने के लिए आ रहे हैं। यहां पर इमरजेंसी व घायल मरीजों को लगातार भर्ती किया जा रहा है। दो दिन पहले घटना दोपहर 12 बजे हुई। एक मरीज पेट में तेज दर्द की दिक्कत को लेकर ट्रॉमा सेंटर पहुंचे। यहां पर डॉक्टरों ने जांच के बाद मरीज को स्टोन होने की संभावना बतायी। तीमारदार का आरोप है कि उन लोगों ने मरीज का प्राथमिक इलाज करने का अनुरोध किया। इस पर डॉक्टर ने ओपीडी में ही ले जाने की परामर्श दिया। डॉक्टर ने कहा कि वहां मरीज को देखने के बाद डॉक्टर सही परामर्श दे सकते है। मरीज को तेज दर्द होने के कारण तीमारदारों ने डॉक्टर से मरीज को भर्ती करने के लिए कहा, तो मौजूद डॉक्टर को इस पर गुस्सा आ गया है।
आरोप हैं कि डॉक्टर ने तीमारदार से अभद्र भाषा का प्रयोग किया। इस बीच तीमारदार ने डॉक्टर से वार्ता का वीडियो बना चुका था, जिसे सोशल मीडिला पर वायरल कर दिया।
वायरल वीडियों का उपमुख्यमंत्री ब्राजेश पाठक ने संज्ञान ले लिया। उन्होंने मामले को गंभीर मानते हुए जांच के आदेश दे दिए हैं। ट्रॉमा सेंटर के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. संदीप तिवारी को जांच के बाद आरोपियों पर कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। 23 मई तक पूरी रिपोर्ट से अवगत कराने के निर्देश है।
मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. संदीप तिवारी ने बताया कि मरीज की तबीयत ठीक थी। तीमारदार ओपीडी के बजाए ट्रॉमा में मरीज को दिखाने और भर्ती कराने का दबाव बना रहे थे। मौजूद डाक्टरों का कहना था कि सेंटर में गंभीर मरीज भर्ती किए जा रहे हैं। तीमारदार को पूरी जानकारी दे दी गई थी। फिर भी वह आक्रोशित हो रहे थे। मामले की जांच कराई जा रही है। ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर व कर्मचारियों से पूछताछ की जा रही है।