लखनऊ। किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. विपिन पुरी के पर चल रही जांच पूरी न होने पर शिकायतकर्ता ने मुख्यमंत्री और राज्यपाल को ज्ञापन भेज कर आमरण अनशन करने की चेतावनी दी है।
शिकायतकर्ता का आरोप है कि केजीएमयू कुलपति प्रो.विपिन पुरी कार्यकाल के दो वर्ष पूरे कर चुके हैं। अब उनके कार्यकाल का एक वर्ष से भी कम समय बचा है, इस तरह जांच रिपोर्ट को देने में देरी कर उनको गंभीर आरोपों से बचाव करने का प्रयास किया जा रहा है,जब कि देखा जाए तो केजीएमयू कु लपति प्रो. विपिन पुरी शुरु से ही अपने ऊपर लगे आरोपों को नकार रहे है। बताया जाता है कि उन्होंने इस मामले में अपना पक्ष पहले ही दे दिया है।
शिकायतकर्ता श्रीकांत सिंह के अनुसार उन्होंने 28 जून वर्ष 2021 को कुलपति के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। कुलपति ने इसके जवाब में 14 सितंबर 2021 को अपना जवाब दाखिल किया था। शिकायकर्ता ने कुलपति के जवाब का खंडन करते हुए 12 अक्तूबर 2021 को दोबारा पत्र लिखा।
इसके बाद सचिव लोकायुक्त की ओर से 10 फरवरी 2022 को जारी पत्र में चिकित्सा शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव से वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी, वरिष्ठ पुलिस अधिकारी और चिकित्सा विभाग के वरिष्ठ अधिकारी को शामिल करते हुए तीन सदस्तीय कमेटी को 21 मार्च 2022 तक जांच पूरी करके रिपोर्ट देने का निर्देश दिया था। इसके बाद इस पत्र पर चिकित्सा शिक्षा विभाग ने राजभवन कार्यालय को 24 फरवरी, 26 मई और 19 जुलाई 2022 को पत्र लिखकर मामले की प्रगति लोकायुक्त को देने के लिए अनुस्मारक पत्र भेजे। फिर भी इन पर कोई कार्यवाही नहीं हुई। शिकायतकर्ता का आरोप है कि केजीएमयू कुलपति को बचाया जा रहा है अौर सही रिपोर्ट को प्रस्तुत नहीं कि या जा रहा है।
शिकायतकर्ता ने केजीएमयू कुलपति पर महंगी जांच किट खरीदने का आरोप के साथ ही शिक्षक पद पर कम योग्य व्यक्ति को चुनने का आरोप लगाया है। इसके अलावा शोध सहायक का प्रमोशन में गड़बड़ी का आरोप लगा है।