लखनऊ। प्रदेश में स्कूलों की गुणवत्ता बढ़ाने की कवायद के तहत अगले शैक्षिक सत्र 2023 से सरकारी माध्यमिक स्कूलों में ग्रेडिंग सिस्टम शुरू किया जाने की तैयारी है। ग्रेडिंग के जरिए स्कूलों की गुणवत्ता निर्धारण करने के लिए कई प्रकार के मानक रखे गए हैं।
आधिकारिक सूत्रों ने गुरूवार को बताया कि इस ग्रेडिंग में स्कूल में अध्ययन कर रहे छााों का प्रदर्शन बहुत महत्वपूर्ण भूमिका अदा करने जा रहा है। प्रदेश सरकार ने ग्रेडिंग सिस्टम में संशोधन करते हुए इसमें छााों के पूरे साल परीक्षाओं में किए गए प्रदर्शन को 50 प्रतिशत रेटिंग प्वॉइंट््स देने का निर्णय लिया है। वहीं बाकी 50 प्रतिशत में स्कूल के संसाधन, सुविधाएं एवं अन्य चीजों को परखा जाएगा।
उल्लेखनीय है कि सरकार के इस प्रयास से न सिर्फ अभिभावकों को स्कूल चुनने में मदद मिलेगी, बल्कि स्कूलों में पढ़ाई का स्तर, बच्चों को सिखाने में नवाचार का प्रयोग एवं शिक्षकों की एप्रोच में भी बड़ा बदलाव आएगा।
सूाो के अनुसार सरकारी माध्यमिक स्कूलों की नए शैक्षिक सा 2023 से ग्रेडिंग की जानी है। इसके लिए विभाग की ओर से तैयारी भी कर ली गई है। स्कूलों की ग्रेडिंग तय करने के लिए विभिन्न मानकों को तय किया गया है। अब इसमें छााों के छमाही और वार्षिक परीक्षाओं के अंकों को भी इसमें जोड़ा गया है। इस ग्रेडिंग में 50 प्रतिशत अंक विद्यार्थियों के परीक्षाओं में प्राप्त अंकों के होंगे। यानी शैक्षिक गुणवत्ता जितनी बेहतर होगी स्कूलों की ग्रेडिंग उतनी ही अच्छी होगी। ग्रेडिंग के लिए पहले विद्यालय की बिलिं्डग, पढ़ाई और अन्य गतिविधियों के अलग-अलग अंक तय किए जा रहे थे लेकिन अब 50 प्रतिशत अंक केवल विद्यार्थियों के प्रदर्शन के होंगे।