लखनऊ। कोरोना संक्रमण से निपटने के लिए एक बार फिर से तैयारियां शुरू कर दी गयी हैं। एयर पोर्ट पर सर्तकता बढ़ा दी गयी है। जांच टीम से लेकर मरीजों की भर्ती तक की व्यवस्था शुरू हो गई है। अस्पताल, बाजार, मॉल समेत दूसरे स्थानों पर कोविड प्रोटोकॉल सख्ती से लागू करने की तैयारी शुरू कर दी गयी है। इसके साथ ही केजीएमयू व पीजीआई में जल्द ही ओपीडी व अन्य स्थानों में प्रवेश करने के लिए मास्क का प्रयोग अनिवार्य करने की तैयारी है।
कोरोना संक्रमण से निपटने के लिए राजधानी में 39 रैपिड रिस्पांस टीम (आरआरटी) हैं। 19 टीमें शहरी व ग्रामीण सामुदायिक स्वास्थ्य की हैं। शेष सीएमओ कंट्रोल रूम के तहत कोरोना की आशंका में आने वालों की जांच कर रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग का दावा है कि प्रतिदिन 500 से 800 लोगों की जांच की जा रही है।
स्वास्थ्य विभाग के अधिाकरियों के मुताबिक कोविड की दूसरी लहर में राजधानी के अस्पतालों में लगभग आठ हजार बिस्तरों पर मरीजों की भर्ती करने की व्यवस्था की गयी थी। तीन दिन की नोटिस पर इन्हें दोबारा कोविड अस्पताल में बदला जा सकता है। ज्यादा आवश्यकता पड़ने पर सबसे पहले लोकबंधु व केजीएमयू में कोरोना मरीजों की भर्ती की व्यवस्था की जाएगी। इनमें चरणबद्ध तरीके से बेड आरक्षित किए जाएंगे। इसके बाद पीजीआई व लोहिया संस्थान में संक्रमितों की भर्ती के इंतजाम किए जाएंगे।
सीएमओ डॉ. मनोज अग्रवाल ने बताया कि एयर पोर्ट पर सतर्कता बढ़ा दी गयी है। अभी विदेशी यात्रियों को लेकर कोई गाइडलाइन नहीं जारी हुई है, जैसे ही कोई निर्देश आएंगे जांच की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। उन्होंने बताया कि संक्रमितों के संपर्क में आने वालों की जांच कराई जा रही है। अब उनकी ट्रेवल हिस्ट्री भी तैयार की जाएगी।
लोहिया संस्थान 200, बलरामपुर 300, लोकबंधु 200, केजीएमयू 460 और पीजीआई में 240 बेड पर कोरोना संक्रमितों की भर्ती की जा सकेगी। इन अस्पतालों में करीब 1400 बेड हैं। इसमें 200 से अधिक आईसीयू-वेंटिलेटर बेड भी शामिल हैं। चरणबद्ध तरीके से अस्पतालों को कोविड मरीजों के लिए आरक्षित किए जाएंगे। इन अस्पतालों में ऑक्सीजन की आपूर्ति की पुख्ता व्यवस्था है। केजीएमयू में सात लिक्विड ऑक्सीजन टैंक हैं। इसमें पांच की क्षमता 20-20 हजार लीटर की है, जबकि एक 10 हजार लीटर का है। लोहिया संस्थान में 20 हजार लीटर का एक लिक्विड ऑक्सीजन प्लांट शहीद पथ अस्पताल में लगा है।
लोकबंधु, बलरामपुर समेत बाकी अस्पतालों में दो-दो ऑक्सीजन जनरेशन प्लांट लगे हैं। 1300 ऑक्सीजन के बड़े सिलेंडर हैं। 200 से अधिक अॅक्सीजन कनसनट्रेटर हैं। महानगर बीआरटी अस्पताल में दो ऑक्सीजन जनरेशन प्लांट हैं। चिनहट के गांधी अस्पताल में भी ऑक्सीजन जनरेशन प्लांट व कनसनट्रेटर हैं।