PGI में मिलेगा हार्ट डिजीज बच्चों को अब अत्याधुनिक इलाज

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लखनऊ। प्रदेश की योगी सरकार अमेरिका की सलोनी हार्ट फाउंडेशन के साथ मिल कर संजय गांधी स्नानकोत्तर आर्युविज्ञान संस्थान (एसजीपीजीआई) में सेंटर फॉर एक्सीलेंस इन पीडियाट्रिक कॉर्डियोलॉजी यूनिट की स्थापना करेगी। यहां हर साल पांच हजार बच्चों की सर्जरी और दस हजार बच्चों का इलाज हो सकेगा।

 

 

 

 

 

फाउंडेशन के विशेषज्ञ समय-समय पर यूनिट की विजिट करेंगे और ऑनलाइन जरूरी सलाह भी देंगे। दरअसल, ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट 2023 के लिए निवेश जुटाने को यूएस गए प्रतिनिधिमंडल ने सलोनी हार्ट फाउंडेशन के साथ एमओयू साइन किया है। इस एमओयू के तहत फाउंडेशन एसजीपीजीआई में 480 करोड़ रुपए की लागत से 200 बेड का पीडियाट्रिक कॉर्डियोलॉजी सेंटर बनाकर देगी।

 

 

 

 

 

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मौजूदगी में एक उच्चस्तरीय बैठक में अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास विभाग के अपर मुख्य सचिव अरविंद कुमार ने सोमवार को बताया कि जीआईएस 2023 के यूएस दौरे में कैलिफोर्निया में निवास कर रहे भारतीय मूल के दंपत्ति मिली और हिमांशु सेठ ने लखनऊ के एसजीपीजीआई में बच्चों में जन्मजात होने वाली हार्ट डिजीज के इलाज को लेकर यूनिट के निर्माण की इच्छा जाहिर की।

 

 

 

 

इसके लिए उन्होंने उत्तर प्रदेश सरकार के साथ 480 करोड़ रुपए का एक एमओयू साइन किया है। इसके अंतर्गत एसजीपीजीआई में एक सेंटर फॉर एक्सीलेंस इन पीडियाट्रिक कॉर्डियोलॉजी यूनिट का निर्माण किया जाएगा। शुरुआती चरण में 30 बेड से यूनिट की शुरुआत की जाएगी, जिसके लिए एसजीपीजीआई के डायरेक्टर आरके धीमान ने स्वीकृति दे दी है।

 

 

 

 


इसके सफल क्रियान्वयन के बाद दूसरे चरण में 100 और तीसरे चरण में यूनिट का विस्तार 200 बेड तक कर दिया जाएगा। यहां पर प्रतिवर्ष इस बीमारी से जूझने वाले 5 हजार बच्चों की सर्जरी और 10 हजार बच्चों का इलाज संभव हो सकेगा। इस यूनिट के पूर्ण रूप से संचालित होने के बाद बीएचयू के साथ मिलकर सलोनी हार्ट फाउंडेशन एक और यूनिट का निर्माण कर सकती है।

 

 

 

 

फाउंडेशन की फाउंडर मिली सेठ ने बताया कि उनकी संस्था से दुनिया के 23 सुपर स्पेशियलिस्ट पीडियाट्रिक कॉर्डियोलॉजिस्ट और पीडियाट्रिक कार्डियोथोरोसिक सर्जन जुड़े हुए हैं। इनके जरिए वह भारत में इस रोग से संबंधित बच्चों के परिजनों को फ्री मेडिकल सलाह उपलब्ध कराती हैं। यूएस में डॉक्टर की इस एक सलाह की क़ीमत दो हजार डॉलर यानी डेढ़ लाख रुपए से भी ज्यादा है। इसके साथ ही वह पैनल के डॉक्टर्स के माध्यम से बच्चों की सर्जरी भी कराते हैं।

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