संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान – वर्ष 2023 के लिए नए संकल्प
लखनऊ ।संजय गांधी पी जी आई में आपातकालीन चिकित्सा और गुर्दा प्रत्यारोपण केंद्र नये वर्ष में प्रति सप्ताह 10 से 12 गुर्दा प्रत्यारोपण शुरू करने जा रहा है। आपातकालीन चिकित्सा के सभी बिस्तरों को क्रियाशील बनाया जाएगा।
मधुमेह रोगियों को एक ही छत के नीचे मधुमेह रोग की जटिलताओं सहित व्यापक देखभाल प्रदान करेगा और सितंबर 2023 तक क्रियाशील हो जाएगा। जिससे कि मधुमेह रोगियों को भटकना न पड़े। इस तरह से संस्थान हर तरह के इलाज के लिए
मरीजों को प्रदेश के बाहर इलाज न भागना पडे। नवजात से लेकर 18 वर्ष तक की आयु के बच्चे और किशोर उत्तर प्रदेश की जनसंख्या का लगभग 40 प्रतिशत हैं। उन्हें अपने विकास और वृद्धि के लिए सर्वोत्तम चिकित्सा देखभाल की आवश्यकता होती है।
पीजीआई में जल्द ही मेडिकल और सर्जिकल बाल चिकित्सा सुपर-स्पेशियलिटी की 2 इकाइयों और 22 विभागों से युक्त 573 बिस्तरों वाला ‘उन्नत बाल चिकित्सा केंद्र’ आ रहा है। इससे संस्थान की बेड क्षमता 2168 से बढ़कर 2741 हो जाएगी।
हब के रूप में एसजीपीजीआई और यूपी के 6 पुराने राजकीय मेडिकल कॉलेजों को स्पोक के रूप में आधारित टेली-आईसीयू सेवा मॉडल शुरू किया जा रहा है और इसे अगले साल जुलाई तक पूरा कर लिया जाएगा। बाद में, इस परियोजना का विस्तार 75 जिलों और आने वाले मेडिकल कॉलेजों तक किया जा सकता है। संस्थान में जल्द ही पांच नये विभाग नये वर्ष में शुरू करेगा। तीन पीडियाट्रिक्स एंडोक्रिनोलॉजी, सिर और गर्दन और संक्रामक रोगों को क्रियाशील बनाया जाएगा। सभी रिक्त पदों पर फैकल्टी की भर्ती की जायेगी। उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा हाल ही में कैडर पुनर्गठन के तहत स्वीकृत लगभग 2900 पदों पर गैर-संकाय पदों की भर्तीकी जायेगी। लेखांकन, खरीद, परियोजना प्रबंधन, जोखिम प्रबंधन और अनुपालन, और आपूर्ति श्रृंखला संचालन जैसी दिन-प्रतिदिन की व्यावसायिक गतिविधियों के प्रबंधन के लिए एसजीपीजीआई में ‘एंटरप्राइज रिसोर्स प्लानिंग’ (ईआरपी)’ शुरू करना है।