लखनऊ। किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय में चिकित्सक शिक्षकों की भर्ती में एक बार फिर आरक्षण का पेंच फंस गया है। दरअसल हुआ यह कि चिकित्सक शिक्षकों की भर्ती में ईएसडब्ल्यू के निर्धारित कोटे से ज्यादा पद आरक्षित कर दिए गए हैं।
इसकी शिकायत के बाद राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग ने मामले का संज्ञान में लेकर केजीएमयू कुलसचिव से जानकारी तलब की है।
बताते चले कि जुलाई 2022 में लगभग 200 चिकित्सक शिक्षकों की भर्ती के लिए विज्ञापन निकाला गया। इसमें बैकलॉग के पद भी शामिल किये गये। नये 111 चिकित्सक शिक्षक की भर्ती के पद शामिल हैं। अनुसूचित जाति जनजाति चिकित्सा शिक्षक एसोसिएशन ने विज्ञापन में आरक्षण के नियमों की अनदेखी का आरोप लगाया। एसोसिएशन के महासचिव डॉ. हरिराम का आरोप है कि एक फिर आरक्षण के नियमों को नजर अंदाज किया गया हंै। इसमें ओबीसी का 27 प्रतिशत, अनुसूचति जाति का 21, जनजाति का दो प्रतिशत आरक्षण होता है। ईएसडब्ल्यू का 10 प्रतिशत आरक्षण का नियम है। ईएसडब्ल्यू आराक्षण 10 सीटे होने की दशा में लागू होगा।
आरोप हैं कि 111 शिक्षकों के पदों में करीब 23 पद ईएसडब्ल्यू कोटे में कर दिए गए हैं, जोकि नियमों के खिलाफ है। शिकायत के बाद आयोग ने तेरह जनवरी को केजीएमयू कुलसचिव को पत्र जारी किया। इसमें 18 जनवरी को सुनवाई के लिए कुलसचिव को तलब किया गया है। जिम्मेदारी अधिकारियों का कहना है कि जब तक आरक्षण का बटवारा नियमानुसार नहीं होगा, तब तक भर्ती प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ सकती है। ऐसे में चिकित्सक शिक्षकों की भर्ती एक बार फिर गयी है।