लखनऊ। किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय में गैस्ट्रोसर्जरी विभाग के वरिष्ठ डा. विवेक गुप्ता के इस्तीफा देने से अन्य प्रशासनिक महकमें में हड़कम्प मचा हुआ है। डा. गुप्ता लिवर प्रत्यारोपण की टीम के प्रमुख डाक्टर थे आैर उनके न रहने से काम प्रभावित हो सकता है। बताया जाता है कि केजीएमयू के कई वरिष्ठ डाक्टरों का केजीएमयू से मोह भंग हो रहा है।
केजीएमयू में हो रही चर्चाओं पर यकीन किया जाए, तो यूरोलॉजी, जनरल सर्जरी, न्यूरो सर्जरी के अलावा मेडिसिन विभाग के कई अन्य विभाग है, जहां पर डाक्टर इस्तीफा देने की तैयारी कर रहे है। ऐसा नहीं है कि सभी डाक्टरों को किसी अन्य निजी अस्पताल में आफर आ गया है। इनमें ज्यादातर डाक्टर अपना खुद प्राइवेट प्रैक्टिस करना चाहते है। बताया जाता है कि इनमें यूरोलॉजी विभाग के वरिष्ठ अपना खुद का निजी नर्सिंग होम का निर्माण करा रहे है। बताया जाता है कि जल्द ही विभाग विशेष का सेंटर शुरू करना चाहते है। ऐसा नहीं है कि केजीएमयू के डाक्टरों की प्राइवेट प्रैक्टिस बंद हो।
रेस्पेटरी मेडिसिन विभाग के तो वरिष्ठ डाक्टर अपनी गोपनीय क्लीनिक पर मरीज को परामर्श देने के नाम पर तीन हजार रूपये तक का शुल्क लेते है। जब कि इनका दावा है कि केजीएमयू में सुबह से शाम तक मौजूद होने का दावा करते है। जनरल सर्जरी विभाग से लेकर एनेस्थिसीया विभाग के डाक्टर लगातार निजी अस्पतालों के सम्पर्क में रहे है। बताते चले कि कुछ वर्षो पहले नेफ्रालॉजी विभाग के डा. मनमीत के इस्तीफा देने के बाद किडनी प्रत्यारोपण शुरू करने में वर्षो लग गये। इसके कई अन्य डाक्टरों के इस्तीफा देने से विभाग तक बंद की नौबत आ चुकी है।