लखनऊ। किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय चिकित्सा शिक्षा से लेकर मरीजों को उच्च स्तरीय इलाज देने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाने जा रहा है। इसमें पीपीपी माडल से जांच शुरू करने से लेकर डाक्टरों को प्रबंधन सिखाया जा रहा है।
मरीजों को बेहतर इलाज उपलब्ध कराने की दिशा में अहम कदम उठाए जाएंगे। पब्लिक प्राइवेट पार्टनशिप (पीपीपी) मॉडल पर पैथोलॉजी व रेडियोलॉजी की जांचे बढ़ाई जाएंगी। इससे मरीजों को आधुनिक जांच की सुविधा का लाभ मिलेगा। केजीएमयू को बिना खर्च किए आमदनी का जरिए बढ़ेगा। यह जानकारी केजीएमयू कुलपति डॉ. बिपिन पुरी ने दी।
वे बुधवार को ब्राउन हॉल में पत्रकार वार्ता को संबोधित कर रहे थे। कुलपति डॉ. बिपिन पुरी ने कहा कि पीपीपी मॉडल पर रेडियोलॉजी व पैथोलॉजी समेत दूसरी जांच की सुविधा बढ़ने की दिशा में प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि पीपीपी मॉडल के तहत करोड़ों रुपये की मशीनें लगाने की जिम्मेदारी केजीएमयू की नहीं होगी। कंपनी मशीने लगाएगी। कंपनी के कर्मचारी जांच करेंगे। दूसरे संसाधन जुटाने की जिम्मेदारी भी संस्था की होगी।
केजीएमयू को सिर्फ स्थान उपलब्ध कराना होगा। इसके बदलते केजीएमयू को जांच के एवज में पैसे मिलेंगे।
इसके अलावा छात्रों के पढ़ाई की राह भी आसान होगी। मेडिकल छात्र जांच के तौर तरीके सीखेंगे। आसानी से जांच संबंधी डेटा मिल सकेगा। अभी केजीएमयू में एमआरआई, सीटी स्कैन, लिथोट्रॉप्सी समेत दूसरी मशीनों का संचालन हो रहा है।
कुलपति ने बताया कि एमबीबीएस मेडिकोज को प्रत्येक क्लास के बाद शिक्षक बहुविकल्पीय पांच सवाल देंगे। इससे छात्रों की पढ़ाई का दायरा बढ़ेगा। छोटे-छोटे चैप्टर का बारीकी से अध्ययन करना होगा। ऐसे में बहुविकल्पीय सवाल हल करने की प्रैक्टिस होगी। मेडिकल छात्रों की परेशानी को जानने के लिए क्यूआर कोड बनाया गया है। इसके माध्यम से छात्र अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं।
सर्जिकल साइंस सेंटर बनाने का प्रस्ताव है। करीब 40 ऑपरेशन थिएटर अलग-अलग विभागों में संचालित हो रहे हैं। सभी विभागों के ऑपरेशन थिएटर व पोस्टऑप वार्ड एक छत के नीचे होंगे। इसके लिए सर्जिकल सांइसेस सेंटर बनाया जाएगा। ऐसे में गेस्ट्रो सर्जरी, यूरो, जनरल, ईएनटी, सीटीवीएस, नेत्र, ट्रॉमा, न्यूरो, पीडियाट्रिक सर्जरी समेत दूसरे विभागों के मरीजों के ऑपरेशन होंगे।
यह सुविधा शुरू करने का प्रस्ताव
-जिला बलरामपुर में केजीएमयू का सेटेलाइट कैंपस का निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है। जल्द ही अस्पताल का संचालन होगा।
-केजीएमयू में ई-गर्वनस सेवाओं का दायरा जाएगा। इसके तहत पेपर लेस काम होगा। मरीज ऑनलाइन फीस जमा कर सकेंगे। मरीजों की भर्ती व डिस्चार्ज भी पूरी तरह से ऑनलाइन हो जाएगा।
-ट्रॉमा सेंटर व घायलों की भर्ती अलग-अलग होगी। इसके लिए अलग से इमरजेंसी भवन बनेगा।
-कोरोना समेत दूसरी गंभीर संक्रमण से पीड़ितों का इलाज आसान होगा। इसके लिए इंफेक्शियस डीसीज हॉस्पिटल बनेगा। कुलपति ने बताया कि कोरोना काल में दूसरी बीमारी से पीड़ितों की भर्ती रोकनी पड़ी थी। इंफेक्शियस डीसीज हॉस्पिटल होने से यह नौबत नहीं आएगी।
-मेडिकल छात्रों को रोजगार के अवसर मुहैया कराने के लिए प्लेसमेंट सेल का गठन किया गया है।
-एल्मनाई को जोड़ने का अभियान चलाया जाएगा।
-केजीएमयू अपने डॉक्टरों में नेतृत्व क्षमता विकसित किया जा रहा है। देश भर के आईआईएम में केजीएमयू के वरिष्ठ डॉक्टरों को भेजा जा रहा है।