लखनऊ। राजधानी में मर्दाना कमजोरी के नाम से चलायी जा रही क्लीनिकों पर अब स्वास्थ्य
विभाग ने सख्त कार्रवाई करने की तैयारी कर ली है। स्वास्थ्य अधिकारियों ने सभी क्षेत्रों इस तरह की क्लीनिक की जानकारी से मांगी है। इसके बाद अभियान चलाकर इन अवैध क्लीनिक का संचालन बंद कराया जाएगा।
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का कहना है कि मर्दाना क्लीनिक में किये जा रहे इलाज के लिए अभी तक किसी भी क्लीनिक का कोई भी पंजीकरण मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय में नही है। ऐसे में इन अवैध क्लीनिक का संचालन रोका जाएगा।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय में लगभग 1300 अस्पताल-क्लीनिक का पंजीकरण दर्ज हैं। इसमें राजधानी में मर्दाना इलाज के नाम चल रही क्लीनिक का कोई भी पंजीकरण सीएमओ
आफिस में दर्ज नहीं है। इस प्रकार की क्लीनिक में आयुर्वेद-यूनानी डॉक्टर मरीजों की स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। मर्दाना ताकत बढ़ाने के नाम पर उन्हें स्टेराइड की दवा सेवन करायी जा रही है। चारबाग, नाका, नक्खास, ठाकुरगंज समेत अन्य इलाकों में यह अवैध क्लीनिक धड़ल्ले से चल रही है। पोस्टर बैनरों में भी बड़े- बड़े दावे कि ये जा रहे है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. मनोज का कहना है कि इस प्रकार की सभी क्लीनिक का रिकार्ड मंगाया जा रहा है। इसके बाद जिला प्रशासन टीम संग इन क्लीनिक को सील कराया जाएगा।
अगर देखा जाए तो मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय जरिए जनवरी माह में 57 झोलाछाप डॉक्टरों की सूची मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय में तैयार की गई थी। आरोप है यह बिना डिग्री धारक यह डॉक्टर मरीजों को भर्ती करने के अलावा माइनर सर्जरी तक करते हैं। इन झोलाछाप डॉक्टरों की लापरवाही से बीते साल कई लोगों की जान चली गई थी। शासन से झोलाछाप डॉक्टरों पर कार्रवाई के आदेश आने बाद स्वास्थ्य विभाग अलर्ट हुआ। मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय से सभी सीएचसी प्रभारियों ने उनके क्षेत्र में आने वाले झोलाछाप
डॉक्टरों की सूची मांगी गई। 19 सीएचसी जरिए करीब 57 झोलाछाप डॉक्टरों की
सूची मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय भेजी गई है। हालांकि अभी तक किसी भी झोलाछाप डॉक्टर पर विभाग पर कोई भी कार्रवाई नहीं की गयी।