न्यूज। 17 साल के देव नंदा देश में सबसे कम उम्र के ऑर्गन डोनर बन गई है ,दरअसल केरल के 17 वर्षीय लड़के ने अपना लिवर डोनेट करके अपने पिता की जान बचाई है। लेकिन उसको इसके लिए केरल हाईकोर्ट की शरण में जाना पड़ा जहां उसने विशेष इजाजत मांगी, जिसे कोर्ट ने मान लिया। देव नंदा के पिता लीवर की गंभीर बीमारी से जूझ रहे थे और उनके पास लिवर ट्रांसप्लांट ही एक उपाय बचा था केरल के त्रिशूर की रहने वाली देवनंदन 12वीं कक्षा की छात्र है पिछले साल 2022 में सितंबर के महीने में जबकि उसके पिता काम से घर लौटे थे तो उनके पैर सूजे हुए होते थे इस दौरान 2 महीने में ही पिता का 20 किलो वजन बढ़ गया वह अक्सर थकान और पैरों की दर्द बताते रहते थे, डॉक्टर की सलाह पर ब्लड टेस्ट कराया गया जिसमें सभी रिपोर्ट नॉर्मल आई .
लेकिन परिजनों ने डॉक्टर की सलाह पर सीटी स्कैन और कई अन्य महत्वपूर्ण जांच कराएं, जिसमें उसके लीवर में गड़बड़ी निकली इसके बाद वह विशेषज्ञ डॉक्टर के पास गये, तो उन्हें पता चला लिवर में गड़बड़ी के साथ कैंसर भी है। डॉक्टर ने एकमात्र रास्ता लिवर ट्रांसप्लांट बताया था। उसके पिता का ब्लड ग्रुप भी बी नेगेटिव था जो कि काफी दुर्लभ होता है बाहर डोनर मिले तो लेकिन वह लोग 30 40 लाख रुपए की डिमांड कर रहे थे जो कि उनके परिजनों के लिए संभव नहीं था देवबंद आपका ब्लड ग्रुप बी पॉजिटिव था बातचीत के दौरान डॉक्टरों ने बताया अपॉजिटिव यूनिवर्सल डोनर होता है। इसलिए वह अपने लिवर का एक हिस्सा अपने पिता को डोनेट कर सकती है, परंतु परिजन और उसके पिता ब्लड डोनेशन के लिए नहीं माने काफी मान मनोबल के बाद डॉक्टरों ने उसके लिवर की जांच की तो पाया वह लीवर डोनेशन के लिए पूरी तरह स्वस्थ नहीं है जिसमें लिवर सही नहीं था डॉक्टरों ने देव नंदा को डाइट चार्ट और एक्सरसाइज बताइए देव नंदा ने 1 महीने में डाइट फॉलो करके एक्सरसाइज की, जिससे उसका लिवर हेल्दी हो गया और वह डोनेट करने को तैयार हो गई। लेकिन वह नाबालिग होने के कारण ऑर्गन डोनेट नहीं कर सकता थी। केरल हाईकोर्ट में उसने लिवर डोनेशन की अनुमति मांगी, जहां से अनुमति मिलने के बाद 9 फरवरी को अपने पिता को लीवर का एक हिस्सा डोनेट कर दिया। देव नंदा की बहादुरी और पिता प्रेम को देखते हुए अस्पताल प्रशासन ने सर्जरी का बिल माफ कर दिया।