लखनऊ। लोगों की स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करने व परामर्श देने का डॉक्टरों ने जो बीडा उठाया, वह बहुत ही प्रशंसनीय, सराहनीय प्रयास है। दूर दराज क्षेत्रों में स्वास्थ्य शिविर लगाए जाने की आवश्यकता है। इससे मरीजों को बेहतर इलाज मिलना सहज हो जाता है। शिविर में समय पर बीमारी की पहचान हो आैर बेहतर इलाज हो सकेगा। यह बात मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को नेशनल मेडिकोज आर्गनाइजेशन (एनएमओ) अवध प्रांत की ओर से गुरु गोरखनाथ स्वास्थ्य सेवा यात्रा के कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कही। मुख्यमंत्री ऑनलाइन कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि चिकित्सा शिविर की सफलता के लिए बधाई दी। उन्होंने कहा कि भारत-नेपाल सीमा पर थारू एवं वनटांगियां जन जातियां लखीमपुर खीरी, श्रावस्ती, बहराइच, बलरामपुर, सिद्धार्थनगर एवं महराजगंज जिलों में हैं। समय-समय पर इन क्षेत्रों में शिविर लगाये जाने चाहिए। इससे लोगों को बेहतर इलाज मिल सकेगा। इन शिविरों के माध्यम से इन सुदूर क्षेत्रों में फैले प्रदेश वासियों की स्वास्थ्य सेवा एक सराहनीय कदम है।
केजीएमयू के पूर्व कुलपति डॉ. एमएलबी भट्ट ने कहा कि जनजातीय गांवों में लगभग 250 शिविर का आयोजन किया जा रहा है। पहले दिन 121 गांव में शिविर लगाए जा चुके हैं। उन्होंने कहा कि अब 1500 गांव में शिविर लगाए जाने शेष हैं। पांच सौ से ज्यादा डॉक्टर व चिकित्सा छात्र लोगों की सेहत जांच-इलाज में लगे हैं।
इस यात्रा में लगभग चालीस मेडिकल व डेन्टल कालेज के डॉक्टर्स एवं चिकित्सा छात्र, सीमावर्ती जिलों के मुख्य चिकित्सा अधिकारी से सामजस्य करके स्वास्थ्य शिविर लगाएंगे। डॉ. भूपेंद्र सिंह ने बताया कि लगभग 600 डॉक्टरों की टीम अगले तीन दिन में 242 थारू जनजाति गांव में चिकित्सा कैम्प आयोजित करेंगे। 26 फरवरी को लखीमपुर खीरी, श्रावस्ती, बहराइच, बलरामपुर, सिद्धार्थ नगर एंव महाराजगंज जिलों में मेगा कैम्प एवं समापन समारोह आयोजित किया जाएगा। डा. सिंह ने बताया कि शिविर में ब्लड प्रेशर, मधुमेह, एनीमिया, दांतों से जुड़ी बीमारी सहित अन्य दूसरी बीमारियों की जांच की जाएगी। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के प्रातं प्रचारक कौशल, हरमेश चौहान, देवेन्द्र अस्थाना, प्रशान्त भाटिया एवं विभाग प्रचारक अनिल उपस्थित मौजूद थे।