लखनऊ। किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय में डाक्टरों की भर्ती लगातार संकट में आ रही है। राष्ट्रीय अधिवक्ता मंच की शिकायत के बाद अनुसूचित जाति आयोग ने केजीएमयू को फिर तलब किया है। प्रशासन को मंगलवार को भर्ती मामले में अपना पक्ष रखना है।
बताते चले कि राष्ट्रीय अधिवक्ता मंच के संयुक्त मंत्री सुशील कुमार चौधरी ने आयोग को भेजी गयी शिकायत में आरोप लगाया है कि ईडब्ल्यूएस कोटे के आरक्षण रोस्टर के लिए जारी शासनादेश का पालन नहीं हो रहा है। उनके अनुसार नियम विरुद्ध 80 पदों के विज्ञापन में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग को रोस्टर में दसवां पद न देकर मनमाने विभागों में आरक्षण कर दिया गया है।
इन्हीं कारणों से अन्य वर्ग को नुकसान हो रहा है। इस मामले में आयोग की सदस्य डॉ अंजू बाला के निर्देश पर 23 मार्च ने केजीएमयू प्रशासन कार्यालय में उपस्थित होने का अनुरोध किया था। केजीएमयू प्रशासन ने आयोग में उपस्थित होने में असमर्थता बताई थी। इसके बाद अब 23 मई की तारीख दी गयी है।
इसके साथ ही आयोग के पत्र में केजीएमयू प्रशासन को समय के भीतर उत्तर न देने पर संवैधानिक शाक्तियों का प्रयोग करने की चेतावनी दी है।
केजीएमयू में लगभग 500 से ज्यादा डाक्टरों के पद हैं। इसमें से काफी पद अभी रिक्त चल रहे हैं। इनकी भर्ती प्रक्रिया पूरी करने के लिए केजीएमयू प्रशासन ने पिछले साल विज्ञापन निकाला था इस विज्ञापन में आरक्षण नियमों का पालन ना करने की वजह से बदलाव करना पड़ा। अब एक बार फिर से इसमें मामला फंस गया है।