लिवर डिजीज में दवा के साथ सही आहार प्रबंधन जरुरी

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लखनऊ  ।  विश्व पोषण दिवस हर वर्ष 28 को मनाया जाता है। यह दिवस अच्छे स्वास्थ्य के लिए स्वस्थ और संतुलित आहार के महत्व के बारे में जन-जागरूकता बढ़ाने के लिए शनिवार को संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान के हेपेटोलॉजी और डायटेटिक्स विभाग द्वारा संयुक्त रूप से यकृत रोगों के रोगियों में पोषण मूल्यांकन और प्रबंधन पर एक कार्यशाला का आयोजन किया गया।

 

 

 

 

कार्यक्रम में मुख्य रूप से नवोदित आहार विशेषज्ञों, पोषण इंटर्न, मेडिकल छात्रों (स्नातक या स्नातकोत्तर), यकृत रोग रोगियों के पोषण प्रबंधन में शामिल युवा संकाय सदस्यों के प्रशिक्षण पर केंद्रित था। यह कार्यशाला अपनी तरह की पहली कार्यशाला थी जिसमें विशेष रूप से लिवर की बीमारी के रोगियों में आहार पर ध्यान केंद्रित किया गया था।

 

 

 

 

 

कार्यशाला संस्थान के ‘सेंटर फॉर हेपेटोबिलरी डिजीज एंड ट्रांसप्लांटेशन (सी एच बी डी) ऑडिटोरियम’ में आयोजित की गई थी। इस कोर्स को इंडिया एसोसिएशन ऑफ पैरेंट्रल एंड एंटरल न्यूट्रिशन (आई ए पी ई एन), चैप्टर द्वारा समर्थन दिया गया था। सम्मेलन का उद्घाटन संजय गांधी पी जी आई के निदेशक प्रोफेसर आर के धीमन, प्रोफेसर राजन सक्सेना, विभागाध्यक्ष, सर्जिकल गैस्ट्रोएंटरोलॉजी और डॉ अमित गोयल, प्रोफेसर और हेड, हेपेटोलॉजी विभाग द्वारा किया गया।

 

 

 

 

 

इस अवसर पर निदेशक महोदय ने घोषणा की कि हेपेटोलॉजी विभाग से ‘हेपेटोलॉजी कोर ग्रुप ऑफ आईएपीईएन इंडिया’ शुरू किया जाएगा और इसका नेतृत्व प्रोफेसर अमित गोयल करेंगे। उन्होंने विशेष रूप से यकृत रोग वाले रोगियों में पोषण के महत्व पर जोर दिया। इसके बाद पी जी आई और अन्य संस्थानों से डायटेटिक्स और हेपेटोलॉजी के क्षेत्र में विशेषज्ञों द्वारा स्वस्थ व्यक्तियों के साथ-साथ यकृत रोगों के रोगियों के लिए पोषण के विभिन्न पहलुओं पर शैक्षणिक सत्रों की एक श्रृंखला आयोजित की गई। बैठक में लखनऊ सहित उत्तर प्रदेश राज्य के सौ से अधिक आहार विशेषज्ञों और पोषण विशेषज्ञों ने भाग लिया। इस अवसर पर प्रोफेसर अमित गोयल को आईएपीईएन, लखनऊ चैप्टर के अध्यक्ष का दायित्व सौंपा गया।

 

 

 

संजय गांधी पी जी आई में हेपेटोलॉजी विभाग उत्तर प्रदेश राज्य में पहला है और पिछले दो वर्षों से हेपेटोबिलरी रोगों के रोगियों को सेवाएं प्रदान कर रहा है। सेवाओं में इन पेशेंट और आउट पेशेंट सेवाएं, एंडोस्कोपी, और लिवर प्रत्यारोपण सुविधाएं शामिल हैं।

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