लखनऊ। शराब के नियमित सेवन करने से लिवर सिरोसिस रोग होने की पूरी संभावना रहती है। लिवर सिरोसिस और लिवर खराब होने के बावजूद, बड़ी संख्या में लोग शराब का सेवन बंद करने में विफल रहते हैं। यह लोग एक ऐसी स्थिति विकसित कर लेते हैं जिसे ‘ अल्कोहल डिपेंडेंस’ कहा जाता है।
पीजीआई अब अल्कोहल यूज डिसऑर्डर क्लीनिक (एयूडीसी)” नाम से एक क्लीनिक शुरू कर रहा है। यह क्लीनिक ऐसे मरीजों को शराब छोड़ने में मदद करेगा। इस तरह की प्रदेश में क्लीनिक शुरू करने वाला पहला चिकित्सा संस्थान है।
आंकड़ों को देखा जाए, तो चार प्रतिशत से अधिक भारतीय शराब पर निर्भर हैं। ऐसे रोगियों की मदद के लिए हीपैटोलॉजी विभाग मनोचिकित्सक के सहयोग से अल्कोहल यूज डिसऑर्डर क्लिनिक (एयूडीसी)” नाम से एक क्लीनिक शुरू कर रहा है। यह क्लीनिक ऐसे मरीजों को शराब छोड़ने में मदद करेगा। इस क्लीनिक में, रोगियों को हेपेटोलॉजिस्ट के साथ-साथ मनोचिकित्सकों द्वारा दवा, परामर्श और नशामुक्ति सेवाओं के रूप में संयुक्त चिकित्सा सेवा दी जाएगी। यह क्लिनिक प्रत्येक सोमवार को हेपेटोलॉजी ओपीडी में चलेगा और हेपेटोलॉजी विभाग में मरीजों का पंजीकरण किया जाएगा।
पीजीआई प्रशासन का दावा है कि ऐसा कंबाइंड अल्कोहल यूज डिसऑर्डर क्लिनिक की सुविधा उत्तर प्रदेश में कहीं भी उपलब्ध नहीं है और संजय गांधी पी जी आई ऐसी सुविधा शुरू करने वाला पहला संस्थान हैं।