लखनऊ। अब रोड एक्सीडेंट में घायल हुए लोगों को गोल्डेन पीरियड में निजी ट्रॉमा सेंटरों में भी तत्काल इलाज मिल सकेगा। इसके लिए सरकारी बजट देने का प्रस्ताव मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय से जिलाधिकारी को भेजा गया है।
स्वास्थ्य विभाग का मानना है कि आये दिन देखा जाता है कि रोड एक्सीडेंट में घायल होने पर मरीज को लोग जल्द से जल्द नजदीक के अस्पताल पहुंचा देते है। इस दौरान घायल मरीज के तीमारदार मौके पर नहीं पहुंच पाते है तो इलाज में आने वाले खर्च से बचने के लिए निजी अस्पताल मरीज का तत्काल बेहतर इलाज करने के बजाय उन्हें सरकारी अस्पताल रेफर कर देते है। जब कि अगर गोल्डेन टाइम में इलाज न मिलने से उनकी जीवन पर संकट बन जाता है।
डिप्टी सीएमओ डॉ. एपी सिंह ने बताया कि ऐसे गंभीर मरीजों के लिए सरकारी अस्पतालों में अलग से बजट होता है। इस लिए मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय ने एक प्रस्ताव दिया गया है कि राजधानी के कुछ ऐसे निजी अस्पतालों का चयन किया जाए, जहां ट्रॉमा सेंटर के मानक पूरे होते हो आैर मरीज के तत्काल इलाज की व्यवस्था हो। इन अस्पतालों को सरकारी अस्पतालों की तरह ही अलग से बजट दिया जाए, ताकि घायलों को समय से या गोल्डन टाइम में ही इलाज दिया जा सके।
यह राशि 50 हजार रुपये तक दिये जाने का प्रस्ताव है। अगर जिलाधिकारी से अनुमति मिल जाती है तो अस्पतालों को चिन्हित करने की प्रक्रिया शुरू करवा दी जाएगी।
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