लखनऊ। लोग सफेद दाग को लेकर परेशान हो जाते है। सफेद दाग अगर बढ़ नहीं रहा है आैर न ही कम हो रहा है, इस प्रक्रिया पर तीन वर्ष तक ध्यान देना होगा। इसके बाद सर्जरी करके निकाला जा सकता है। यह जानकारी एसजीपीजीआई के प्लास्टिक सर्जरी विभाग के प्रमुख डा. राजीव अग्रवाल ने प्लास्टिक सर्जरी विभाग की पूर्व संध्या पर आयोजित पत्रकार वार्ता में दी।
उन्होंने बताया कि सफेद दाग का कारण स्किन में पाये जाने वाले मेलानिन पिगमेंट की कमी से होता है। मेलानिन समाप्त होने पर त्वचा के उस भाग में सफेद दाग हो जाता है। दवाओं से इसे रोका जा सकता है, लेकिन जिस भाग में मेलानिन समाप्त हो जाता है। वह भाग दोबारा सामान्य नहीं हो पाता है, लेकिन सर्जरी करके वहां पर जांघ निकाल कर मांसपेशी लगा दी जाती है। उन्होंने बताया कि टेढ़ी व दबी नाक के अलावा चेहरे में निशान व अन्य विकृति का इलाज प्लास्टिक सर्जन से ही कराएं।
अमूमन लोग ईएनटी व दांत के डॉक्टर के पास चले जाते हैं। नाक की विकृति को ठीक करने के साथ ही सांस लेने समेत दूसरी दिक्कतों का ख्याल रखा जाता है। मुम्बई के प्लास्टिक सर्जन डॉ. कपिल अग्रवाल ने बताया कि शरीर के किसी भी हिस्से में चोट व हादसे से कटने व फटने पर प्लास्टिक सर्जन की मदद लेनी चाहिए।
बाल व त्वचा को प्रत्यारोपण, कटे अंगों को जोड़ने से लेकर शरीर में कई और काम होते हैं। पीजीआई में राष्ट्रीय प्लास्टिक सर्जरी दिवस पर शनिवार को सीएमई का आयोजन किया जा रहा है। जिसमें देश के प्लास्टिक सर्जन नवीन तकनीक पर चर्चा करेंगे।