लखनऊ। किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय प्रशासन ने कर्मचारियों के अवकाश लेने पर अंकुश लगा दिया है। अब कर्मचारी मनमाने तरीके अवकाश नहीं ले सकेंगे। वह केवल इमरजेंसी व चिकित्सा अवकाश ही अचानक ले सकेंगे। अन्य अवकाश लेने के लिए 15 दिन पहले अपने विभाग कार्यालय में जानकारी देना होगा। वहां से संस्तुति मिलने के बाद ही आवेदन कर सकेंगे। इस संबंध में कुलसचिव रेखा एस चौहान ने सभी विभागों को पत्र भेजकर अवकाश लेने के लिए नियमों को सख्ती से लागू करने के निर्देश दिए हैं।
केजीएमयू के अलग- अलग विभागों में लगभग 3000 नियमित कर्मचारी हैं, जिनमें लिपिक से लेकर अन्य पदों पर कर्मी तैनात है। इनमें डे नाइट भी ड्यूटी लगायी जाती है। कुलसचिव के द्वारा पत्र की माने जाए तो केजीएमयू में अलग- अलग स्तर पर कर्मचारी लगातार अवकाश ले रहे हैं। इसके कारण मरीजों का इलाज प्रभावित होता है। माना गया है कि कर्मचारियों के अवकाश के कारण मरीजों को इलाज होने में दिक्कतें आ रही है।
कुलसचिव का कहना है कि चिकित्सा संस्थान में मरीज का इलाज प्राथमिकता पर होना चाहिए। बिना डोस कारण अवकाश लेना सही नहीं है। नये निर्देश के अनुसार इमरजेंसी व चिकित्सीय अवकाश ही कर्मचारी अचाकन ले सकते हैं। इसके अतिरिक्त किसी भी प्रकार के अवकाश के लिए 15 दिन पूर्व जानकारी देनी होगी। सम्बधित अधिकारी की अंतिम संस्तुति मान्य होगी। 15 से कम दिनों के आवेदन को स्वीकार नहीं किया जाएगा।
सम्बधित अधिकारी परिस्थितियों के अनुसार लिया गया अवकाश निरस्त भी कर सकता है। सिर्फ विषम परिस्थितियों में 15 दिन का अवकाश लिया जा सकेगा।
15 दिनों से अधिक अवकाश के लिए सक्षम अधिकारी के सामने पेश होकर आवेदन करना होगा। उसके बाद ही निर्णय लिया जा सकेगा। बताया जाता है कि के जीएमयू कुलसचिव के इस निर्णय कर्मचारियों में आक्रोश व्याप्त है। उनका कहना है कि डाक्टर व जिम्मेदारी अधिकारी मनमाने तरीके से अवकाश पर चले जाते है आैर ऐसे मौके पर वही लोग मरीजों के सहयोग तौर पर जुटा रहता है।