बढ़ रहा Eye flu , डॉक्टर से बिना पूछे दवा न लें

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लखनऊ। मानसून सीजन में मच्छर जनित बीमारियां ही नहीं, बल्कि आंखों में संक्रमण के मामले भी तेजी से बढ़े हैं। बच्चों से लेकर बड़ों तक में कंजक्टिवाइटिस यानी आई फ्लू का असर देखा जा रहा है। डाक्टरों के अनुसार यह संक्रामक बीमारी है। इसमें सबसे ज्यादा बचाव में दवा लेने के साथ सफाई रखना आवश्यक है। अगर केजीएमयू से लेकर अन्य सरकारी अस्पतालों की ओपीडी को देखा जाए, तो पिछले 15 दिनों में कंजक्टिवाइटिस या आई फ्लू के 30-40 प्रतिशत मरीज बढ़े हैं। डाक्टरों की माने तो कंजक्टिवाइटिस की संख्या बढ़ने के पीछे बदला मौसम प्रमुख कारण है। गर्मी और उमस के चलते वायरस में म्यूटेशन की संभावना भी होती है। डाक्टरों का मानना है कि कुछ मरीजों में आई फ्लू के साथ गले में भी संक्रमण देखा गया है।

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अगर देखा जाए तो कंजक्टिवाइटिस संक्रमण को सही होने में छह सात दिन लग जाते है। डाक्टरों की माने तो काफी मरीजों को आंखों की स्थिति को देखते हुए इस बार लोगों को ज्यादा एंटीबायोटिक भी देना पड़ रहा है।

केजीएमयू के नेत्र रोग विशेषज्ञ डा. अरुण शर्मा बताते है कि लोग आई फ्लू में खुद से कोई ड्राप या दवा नही लेना चाहिए। डाक्टर से परामर्श के बाद ही इलाज कराएं। उनका कहना है कि कंजक्टिवाइटिस के लक्षण दिखने पर बच्चों को स्कूल नहीं भेजना चाहिए। साथ ही लोगों को कार्यालय भी न जाए इसकी कोशिश करना चाहिए। दरअसल इससे अन्य लोगों में संक्रमण फैलने का खतरा बढ़ जाता है। कंजक्टिवाइटिस के मरीजों को 3-5 दिनों के लिए आइसोलेट होने की सलाह दी जाती है। उन्होंने कहा, अगर घर का कोई सदस्य इस संक्रमण की चपेट में है तो एक सप्ताह के लिए उसके कपड़े और बर्तन अलग कर देना चाहिए। कंजक्टिवाइटिस का सबसे आम लक्षण आंखों का लाल होना है। इसके अलावा आंखों में खुजली होना आैर जलन के साथ अधिक पानी बहने की दिक्कत भी हो सकती है।

उनका मानना है कि मरीज फोटो-सेंसिटिव भी हो सकते हैं यानी उन्हें तेज रोशनी से परेशानी हो होती है। इसलिए मरीजों को काला चश्मा पहनने की सलाह दी जाती है। वायरस संपर्क या तरल के जरिए फैलता है। इसलिए सफाई का विशेष ध्यान रखें। आंखों को कम से कम छुएं और अगर आसपास कोई मरीज है तो उससे दूरी बनाएं।

डाक्टरों का मानना है कि जो लोग लगातार कंप्यूटर पर काम करते हैं उन्हें अपनी आंखों की पलकों को बार-बार झपकाना चाहिए, इससे पानी की कमी नहीं होती है और आंखें स्वस्थ रहती हैं। इंटौजा सीएचसी के अधीक्षक डा. जेपी सिंह का मानना है कि ग्रामीण क्षेत्रों में आई फ्लू के मरीज बढ़ रहे है। ओपीडी में लगातार मरीज आ रहे है।

कंजक्टिवाइटिस के लक्षण
एक या दोनों आंखों का लाल या गुलाबी होना, जलन और खुजली होना
आसामान्य रूप से आंसू निकलना
आंखों से पानी जैसा या गाढ़ा डिस्चार्ज निकलना
आंखों में किरकिरी महसूस होना और सूजन आना

इन बातों का रखें ध्यान
कान्टेक्ट लेंस का इस्तेमाल करने से बचें
रुमाल, तौलिया आदि को शेयर ना करें, टिशू पेपर का इस्तेमाल बेहतर है
अगर कोई संक्रमित है तो उसे आइसोलेट रहना चाहिए।
मरीज को हर दो घंटे में हाथ धोएं या सैनिटाइज करें, तैराकी न करें।
धूल, केमिकल और तेज धूप से बचें
भीड़भाड़ वाली जगह पर जाने से बचना चाहिए।

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