लखनऊ। डा. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान की इमरजेंसी में बिस्तरों की संख्या बढ़ाने की योजना की फाइल कागजों पर चल रही है। मरीजों की बढ़ती संख्या के बाद भी बीते एक वर्ष से बिस्तर का विस्तार करने की कार्रवाई पूरी नहीं हो पा रही है। इससे गंभीर मरीजों को इमरजेंसी में बिस्तर के लिए वेंटिग में स्ट्रेचर पर इंतजार करना पड़ता है या उन्हें रेफर कर दिया जाता है।
लोहिया की इमरजेंसी में लगभग पचास बिस्तरों पर मरीजों की भर्ती हो रही है। प्रतिदिन 150 से अधिक मरीज प्रतिदिन आ रहे हैं। गंभीर मरीजों का तत्काल इलाज के लिए बिस्तर नहीं मिल पा रहा है। इमरजेंसी में बिस्तरों को बढ़ाने की योजना लगभग एक वर्ष से चल रही है। स्त्री रोग विभाग की पुरानी इमरजेंसी में 30 बिस्तर बढ़ने हैं। इसके अलावा 20 और बिस्तर बढ़ाये जाने का प्रस्ताव हैं।
गायनी इमरजेंसी में अभी तक मशीनों को स्थापित करने का काम पूरा नहीं हो पाया है। संस्थान प्रशासन का कहना है कि इमरजेंसी में उपकरण लगाने का काम चल रहा है।
अगर जिम्मेदार अधिकारियों की माने तो इमरजेंसी के विस्तार का काम बहुत सुस्त चल रहा है। सबसे ज्यादा परेशानी मरीजों को रात में होती है। बिस्तरों की कमी से मरीज निजी अस्पतालों के दलालों का शिकातर हो जाता हैं।