लखनऊ। लापरवाही दांतों की बीमारी तेजी से बढ़ रही है। इसकी बड़ा कारण फास्ट फूड, टॉफी, चॉकलेट आदि का सेवन करने के बाद कुल्ला तक करने की जरूरत नहीं समझते हैं। नतीजतन दांतों में आसानी से बैक्टीरिया पनप आते हैं। यही दांतों में कीड़ा लगने की बड़ी वजह बन गए हैं। आंकड़ों के अनुसार हर चौथे व्यक्ति के दांतों में कीड़ा व पायरिया संबंधी परेशानी देखने को मिल रही है। यह जानकारी किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के दंत संकाय के कन्जर्वेटिव डेंटिस्ट्री और एंडोडॉन्टिक्स विभाग के डॉ. रमेश भारती ने सोमवार को एंडोडॉन्टिक्स दिवस पर आयोजित जागरुकता कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।
डॉ. भारती ने कहा कि मीठा खाने के बाद कम से कम कुल्ला तो जरूर करें। इससे काफी हद तक दांतों को कीड़ों से बचा सकते हैं। उन्होंने कहा कि सुबह और रात में सोने से पहले ब्रश जरूर करना चाहिए।
डॉ. रमेश भारती ने कहा कि दांतों में कीड़ा लगने की दशा में रूट कैनाल ट्रीटमेंट करना पड़ता था। अभी तक चार से पांच बार आरसीटी के लिए केजीएमयू तक दौड़ लगानी पड़ रही है। नए उपकरण व केमिकल से मरीजों की एक से दो बार में ही आरसीटी पूरी हो सकती है।
डॉ. एपी टिक्कू ने कहा कि प्राकृतिक दांतों का संरक्षण बेहद जरूरी है। इसके लिए समय-समय पर दांत व मुंह की जांच जरूर करानी चाहिए। इससे काफी हद तक दांत व मुंह की बीमारी से खुद को बचा सकते हैं। उन्होंने कि लोगों में जागरुक करने की भी जरूरत है, क्योंकि अभी जब तक मरीज के दांतों में भीषण दर्द नहीं होता है तब तक वह डॉक्टर के पास नहीं आते हैं। इससे समस्या काफी गंभीर हो रही है।
डेंटल काउंसिल ऑफ इंडिया के पूर्व अध्यक्ष डॉ. अनिल कोहली ने कहा कि दांतों के सड़ने से भोजन को ठीक से न चबा पाने की समस्या होती है। इसका असर पाचन क्षमता पर पड़ती है। इस मौके पर नुक्कड़ नाटक, रंगोली और पोस्टर प्रतियोगिता का आयोजन किया गया।