लखनऊ। राजधानी में दीपावली के पर्व पर जमकर पटाखे जलाये गये हैं। यही नहीं सड़क पर हुड़दंगियों ने जमकर हुड़दंग मचाया। यही नहीं पटाखे, फुलझड़ी, अनार से बड़ी संख्या में बर्न के मरीज और घायल राजधानी के केजीएमयू , लोहिया संस्थान सहित विभिन्न सरकारी अस्पतालों में इलाज के लिए पहुंचे।
विभिन्न सरकारी अस्पतालों से मिले आंकड़ों की मानें तो लगभग 150 से ज्यादा पटाखों से जलने के बाद इलाज के लिए पहुंचे थे। वहीं करीब 75 मरीज सड़क दुर्घटना में घायल होकर इलाज के लिए अस्पताल पहुंचे थे, जिसमें से कुछ मरीजों को प्राथमिक उपचार देकर घर भेज दिया गया। वहीं गंभीर मरीजों को भर्ती कर इलाज मुहैया कराया जा रहा है।
डॉ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान की तरफ से जारी आंकड़ों में 27 मरीज पटाखों से जले हुये इलाज के लिए पहुंचे थे। वहीं करीब 34 मरीज सड़क दुर्घटना में घायल होकर इमरजेंसी में पहुंचे थे। सभी मरीजों को तत्काल इलाज मुहैया कराया गया है।
लोकबंधु अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. ए के त्रिपाठी ने बताया कि पटाखों से जलने वाले करीब 42 मरीज इलाज के लिए अस्पताल की इमरजेंसी में पहुंचे थे। उनमें से एक मरीज अधिक गंभीर था, जिसको प्राथमिक उपचार देकर केजीएमयू रेफर कर दिया गया था।
वहीं हजरतगंज स्थित सिविल अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. राजेश के मुताबिक पटाखे से जले हुये इस बार कोई मरीज इलाज के लिए हमारे यहां नहीं आये हैं। दो मरीज बर्न के आये थे, लेकिन वह चूल्हे की आग से जले हुये थे।
बलरामपुर अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. हिमांशु चतुर्वेदी ने बताया कि करीब 25 मरीज आतिशबाजी की वजह से जले हुये इलाज के लिए अस्पताल पहुंचे थे। वहीं करीब 38 मरीज चोटिल होकर अस्पताल आये थे।
केजीएमयू के ट्रामा सेंटर के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक प्रो. संदीप तिवारी ने बताया कि रविवार को दीपावली के पर्व पर 321 मरीज ट्रामा सेंटर में इलाज कराने पहुंचे थे, मरीजों की यह संख्या आम दिनों की अपेक्षा अधिक थी। इसमें से 27 मरीज पटाखे से जले हुए थे लेकिन इन 27 मरीजों में से कोई भी गंभीर घायल नहीं था।