आयुर्वेद यूनानी चिकित्सकों की लंबित मांग आइवी फ्लूइड की अनुमति दी जाए
लखनऊ। यूनानी प्राचीनतम व दोष रहित भारतीय चिकित्सा पद्धति है। नेशनल यूनानी डॉक्टर एसोसिएशन की तरफ से उठाए गए मांगों में से ने ज्यादातर मांगों को पूरा कर दिया गया है। यह बात आयुुष विभाग की प्रमुख सचिव लीना जौहरी ने रविवार को नेशनल यूनानी डॉक्टर एसोसिएशन द्वारा आयोजित नेशनल कांफ्रेंस में कही। प्रमुख सचिव ने कहा कि बरेली कॉलेज का निर्माण लगभग पूरा हो चुका है। यूनानी चिकित्सा अधिकारियों की नियुक्ति भी हो गई है। यूनानी में पीजी की सीट बढ़ा दी गई है इसके अलावा अन्य मांगों को जल्द से जल्द पूरा कर दिया जाएगा।
रविवार को केजीएमयू स्थित अटल बिहारी वाजपेई साइंटिफिक कन्वेंशन सेंटर में नेशनल यूनानी कन्वेंशन व एग्जीक्यूटिव मीट और जनरल बॉडी मीटिंग का आयोजन किया गया था। अध्यक्षता कर रहे मौलाना खालिद रशीद फिरंगी महली ने कहा कि सरकार को चाहिए कि वो यूनानी पद्धति को आगे बढ़ाने के लिए और ठोस कदम उठाये। आयुर्वेद यूनानी चिकित्सकों की लंबित मांग आइवी फ्लूइड की अनुमति प्रदान की जाए।
मुबई से आए डॉ. मस्तान ने कहा कि यूनानी मेडिसिन के जरिए कैंसर सेल्स की ग्रोथ को रोका जा सकता है, यह शोध में साबित हुआ है। उन्होंने कहा कि यूनानी मेडिसिन का साइड इफेक्ट भी काफी कम है।
जनरल सेक्रेटरी डा एस एस अशरफ तथा कोषाध्यक्ष डा अतीक अहमद ने वार्षिक रिपोर्ट एवं आय व्यय का लेखा जोखा प्रस्तुत किया तथा एक्जीक्यूटिव मीटिंग में लिए गए निर्णयों से सभी सदस्यों को अवगत कराया। जिस पर ध्वनि मत से हाथ उठाकर सभी सदस्यों ने अपनी सहमति जतायी गयी। पदाधिकारियों का आवाह्न किया कि यूनानी के प्रसार प्रचार के लिए फ्री यूनानी मेडिकल कैंप, सेमिनार, सिंपोजियम आदि का आयोजन करके आम जनमानस को यूनानी की तरफ आकर्षित करे।