लखनऊ । अयोध्या में रामलला के विग्रह की प्राण-प्रतिष्ठा को लेकर देशभर में उत्साह है। 22 जनवरी का दिन एतिहासिक है। ऐसे में गर्भवती महिलाएं इस दिन को भगवान राम लला की प्राण-प्रतिष्ठा के मुहूर्त को
सर्वश्रेष्ठ मानते हुए प्रसव कराना चाहती हैं।
जिनकी 22 जनवरी की डेट है, उनकी खुशियों का ठिकाना नहीं है। महिलाओं का कहना है कि उनकी संतान के लिए यह विशेष दिन यादगार होगा। उनकी इस चाह को पूरा करने के लिए परिजन भी साथ दे रहे हैं। पंडितों ने इस दिन का मुहूर्त बेहद शुभ बताया है।
राजधानी के अस्पतालों में हर महीने 2000 से 3000 प्रसव हो रहे हैं, सबसे ज्यादा प्रसव क्वीनमेरी अस्पताल, वीरांगना अवंतीबाई महिला चिकित्सालय (डफरिन), वीरांगना झलकारीबाई महिला अस्पताल, लोहिया के मातृ एवं शिशु, लोकबंधु अस्पताल, रानीलक्ष्मीबाई अस्पताल समेत दूसरे अस्पतालों में हो रहे हैं लेकिन खासमुहुर्त के चलते 22 जनवरी को सर्वाधिक डिलीवरी होने की संभावना बनी है।
लोकबंधु अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. अजय शंकर त्रिपाठी ने बताया कि ऐसे तमाम मामले सामने आ रहे हैं, जिसमें महिलाएं और उनका परिवार चाहता है कि 22 जनवरी को ही प्रसव हो और बच्चे का जन्म हो लेकिन डॉक्टर पहले मेडिकल कंडीशन देख रहे हैं। कहीं बच्चा प्रीमेच्योर या पोस्ट मेच्योर न हो, इसका पूरा ध्यान रखा जा रहा है। बच्चा और जच्चा दोनों स्वस्थ रहे, यही देखते हुए जिनकी प्रसव की तारीख 20 या 21 में है या 23 या 24 में है, उनकी ही प्रसव की तारीख 22 जनवरी की जा सकती है। इसके अलावा बाकियों की डॉक्टर पूरी जांच पड़ताल के पास ही कोई फैसला लेंगे।
क्वीनमेरी अस्पताल की डा. रेखा सचान ने बताया कि कई गर्भवती की चाहत है ,लेकिन सब कुछ चाहने से नहीं हो सकता है। डिलीवरी में किसी को जल्द बाजी नहीं करनी चाहिए, क्योंकि समय से पहले डिलीवरी कराना जच्चा-बच्चा के स्वास्थ को नुकसान भी पहुंचा सकता है।
ज्योतिषाचार्यों का मानना हैं कि बच्चों के जन्म में समय का विशेष महत्व है। अगर अच्छा मुहूर्त मिल जाए, तो जीवन में सफलता आसानी से मिलती है। भगवान रामलला की प्राण प्रतिष्ठा सबसे अच्छे मुहूर्त में हो रही है ,लेकिन डिलीवरी में डाक्टर की सलाह को प्राथमिकता देनी चाहिए।