Kgmu: डाक्टर्स भर्ती प्रकरण में शासन ने दिये जांच के निर्देश

0
351

Advertisement

लखनऊ। किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय में शिक्षक भर्ती मामले की जांच के लिए शासन ने तीन सदस्यीय जांच कमेटी गठित कर दी है। यह कमेटी आरक्षण के नियमों की अनदेखी के आरोपों की जांच करेगी। दो सप्ताह के भीतर कमेटी को जांच सौंपनी होगी। इस बीच केजीएमयू पर आरोप लगा है कि जांच के निर्देश होने के बाद भी डाक्टरों की भर्ती के लिए साक्षात्कार किये जाते रहे है।

केजीएयमू में 4000 बिस्तरों पर मरीजों की भर्ती की जाती है। प्रतिदिन ओपीडी में सात से आठ हजार मरीज आ रहे हैं। मरीजों का इलाज लगभग 500 डॉक्टर करते हैं। इन पर मरीजों के इलाज, शोध और मेडिकोज को पढ़ाने की जिम्मेदारी है। काम के हिसाब से डॉक्टरों की कमी है। डॉक्टरों के खाली पदों को भरने की कवायद शुरू की गयी।

बीते वर्ष जुलाई में 141 पदों पर भर्ती के लिए विज्ञापन निकाला गया था। इसके साथ ही आरक्षण और रोस्टर को लेकर विवाद शुरू हो गया। आरोप है कि विज्ञापन में आरक्षित पदों को बैकलॉग से भरने के बजाय सामान्य रूप से भरा जा रहा है। इसकी वजह से आरक्षित वर्ग के हितों की अनदेखी हो रही है।

डिप्टी सीएम के आदेश के बाद चिकित्सा शिक्षा विभाग के सचिव पवन कुमार ने पांच फरवरी को शिक्षक भर्ती मामले की जांच के लिए कमेटी गठित कर दी। इसमें चिकित्सा शिक्षा विभाग की महानिदेशक को अध्यक्ष बनाया गया है। जबकि लोहिया संस्थान की एक्जीक्यूटिव रजिस्ट्रार डॉ. ज्योत्सना अग्रवाल और लोहिया संस्थान में पैथोलॉजी विभाग की डॉ. निधि आनंद को सदस्य नियुक्त किया गया है।

Previous articleड्यूटी के दौरान नशे में मिले डॉक्टर, हटाए जाने की निर्देश
Next articleउपेक्षा का दंश झेल रही नर्सेज़ ने बैठक कर बनायी आन्दोलन की रणनीति

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here