लखनऊ। मिर्गी रोग से जुड़ी बहुत सी भ्रान्तियाँ हमारे समाज में है। इलाज के साथ उन्हें दूर करने की आवश्यकता है। यह बात बृहस्पतिवार को किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय में न्यूरोलॉजी विभाग की संस्थापक प्रमुख प्रो. देविका नाग ने केएम सिंह मेमोरियल इंस्टीट्यूट आफ मेडिकल सांइसिस के सभागार में मिर्गी रोग पर आयोजित संगोष्ठी में कही।
प्रो. नाग ने कहा कि रोग को छिपाया जाता है और यहाँ तक कि विवाह संबंध तय करने के समय दूसरे पक्ष को अंधेरे में रखा जाता है। बाद में कोर्ट कचहरी दोनों पक्षों को झेलना पड़ता है। उन्होंने रोगियों के रोज़गार व बीमा संबंधी समस्याओं, समाज में उनके भेदभाव व लीगल परेशानियों पर सुझाव दिए।
भारतीय मिर्गी संघ के सचिव व वरिष्ठ न्यूरो फिजिशियन प्रो. अतुल अग्रवाल ने कहा कि मिर्गी के दौरों के प्रकार व उस समय होने वाले अनुभवों को इलाज कर रहे डाक्टर को बताना चाहिए। उन्होंने मिर्गी दौरे के दौरान होने वाले परिवर्तनों पर विस्तार से जानकारी दी।
डॉ. अग्रवाल ने मिर्गी रोग से सम्बंधित चार विकल्प वाली प्रश्नोत्तरी प्रस्तुत की, जिसमें सभी ने काफी रुचि दिखाई और इसे ज्ञानवर्धक माना। डीन प्रो. सुधीर कुमार ने मस्तिष्क के टेम्पोरल भाग से होने वाले मिर्गी के दौरों के बारे में बताया। कु लपति डा. शैली अवस्थी ने अतिथियों का स्वागत किया, डॉ मनीष खन्ना ने उनका परिचय कराया। इस अवसर पर इंस्टीट्यूट की अध्यक्ष डा मधुलिका सिंह ने डा. नाग व डॉ. अतुल अग्रवाल को पुष्प व स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया।