(पंजाब, हरियाणा, कर्नाटक, महाराष्ट्र, उत्तराखंड, आंध्र प्रदेश, एम्स आदि में फार्मेसिस्ट का पदनाम फार्मेसी अधिकारी हुआ)
लखनऊ । देश के विभिन्न राज्यों पंजाब हरियाणा महाराष्ट्र कर्नाटक के बाद हाल ही में उत्तराखंड में फार्मासिस्टों का पद नाम बदलकर 19 फरवरी 2024 को फार्मेसी अधिकारी कर दिया गया और 13 मार्च 24 को आंध्र प्रदेश ने भी पदनाम परिवर्तित करते हुए शासनादेश जारी कर दिया । देश की सर्वोच्च संस्था एम्स में भी फार्मासिस्टों का परिणाम बदलकर फार्मेसी अधिकारी हो चुका है । उत्तर प्रदेश में कार्यरत विभिन्न विधाओं और संस्थाओं के फार्मासिस्टों के लिए लगातार फार्मासिस्ट फेडरेशन शासन और प्रशासन से अनुरोध करता रहा है कि फार्मासिस्ट का पदनाम परिवर्तित करते हुए फार्मेसी अधिकारी और चीफ फार्मेसिस्ट को चीफ फार्मेसी अधिकारी कर दिया जाए ।
उक्त की जानकारी देते हुए फार्मेसिस्ट फेडरेशन के अध्यक्ष सुनील यादव, महामंत्री अशोक कुमार ने कहा कि विभिन्न विधाओं के फार्मेसिस्ट संघों के अनुरोध पर उक्त का प्रस्ताव शासन में विचाराधीन है । पदनाम परिवर्तित कर फार्मेसी अधिकारी किये जाने की मांग पर प्रदेश के सैकड़ो माननीय मंत्री, विधायक, सांसद आदि ने संस्तुति पत्र भी भेजा है ,
संयोजक के के सचान, वरिष्ठ उपाध्यक्ष जे पी नायक ने बताया कि आज अनुस्मारक अनुरोध पत्र पुनः भेजा गया है, जो कि मुख्यमंत्री प्रदेश सरकार और प्रमुख सचिव, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य उत्तर प्रदेश शासन को संबोधित है ।
पत्र में फेडरेशन के पूर्व के पत्रों का संज्ञान लेने का अनुरोध किया गया है
। फेडरेशन ने कहा कि कई राज्य सरकारों की भांति आंध्र प्रदेश सरकार ने भी फार्मेसिस्ट संवर्ग का पदनाम फार्मेसी अधिकारी कर दिया है ।
ज्ञातव्य है कि फार्मासिस्ट फेडरेशन जो सभी विधाओं और संस्थानों के फार्मासिस्ट संगठनों का संयुक्त मंच है, पिछले कई वर्षों से लगातार यह अनुरोध करता आ रहा है कि फार्मासिस्टों के मनोभावों को समझते हुए संवर्ग के पद धारकों का पद नाम परिवर्तन कर दिया जाए, जिसके क्रम में लगभग सैकड़ो माननीय जनप्रतिनिधियों द्वारा भी कृपा करते हुए संस्तुति /सिफारिश की गई है ।
विधान परिषद सदस्य हरी सिंह ढिल्लो द्वारा भी कृपा करते हुए इसकी सिफारिश की गई है और विधान परिषद में इसे नियम 110 के अंदर प्रस्तुत किया है ।
उत्तर प्रदेश से अलग हुए उत्तराखंड प्रदेश ने भी फार्मासिस्ट संवर्ग के पदधारको का पदनाम परिवर्तित कर दिया है । इसके पूर्व हरियाणा महाराष्ट्र कर्नाटक सहित अन्य राज्यों एवं कई बड़े संस्थानों में फार्मासिस्ट का पद नाम परिवर्तित करते हुए फार्मेसी अधिकारी एवं उच्च पदों का पद नाम पद अनुसार परिवर्तित कर दिया गया है । फेडरेशन ने कहा कि माननीय मुख्यमंत्री जी का पूर्व से ही फार्मेसी संवर्ग के साथ सकारात्मक व्यवहार रहा है। संवर्ग को अपग्रेड करने का निर्णय करते रहे हैं। यदि कर्मचारियों का मनोबल बढ़ा रहेगा तो निश्चित ही कार्य क्षमता में वृद्धि होगी इसलिए फार्मासिस्टों के मनोबल को बढ़ाने के लिए इस मांग को पूरा किया जाना न्यायोचित है ।
सुनील यादव ने यह भी कहा है कि यह एक ऐसा अनुरोध है जहां कोई वित्तीय व्यय भार सरकार पर नहीं आना है ।
फेडरेशन ने आंध्र प्रदेश, उत्तराखंड,महाराष्ट्र, हरियाणा, कर्नाटक का पद नाम परिवर्तन का आदेश, विभिन्न विधाओं के संगठनों का पत्र और कुछ माननीय जनप्रतिनिधियों की संस्तुतियां संलग्न की हैं ।