ट्रामा के मरीजों को मिलेगा विश्वस्तरीय इलाज
सर्जन प्रशिक्षित किये जाएंगे
लखनऊ। किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय में डेफिनेटिव सर्जिकल ट्रॉमा केयर (डीएसटीसी ) प्रोग्राम शुरू होने जा रहा है। यह एक शार्टटर्म स्किल प्रोग्राम है। इस तरह का प्रोग्राम भारत में पहली बार शुरू होगा। इसके तहत केजीएमयू समेत प्रदेश के विभिन्न जिलों में तैनात सर्जन को प्रशिक्षण दिया जायेगा, ताकि उनमें ट्रामा के मरीजों के इलाज में निर्णायक क्षमता का विकास हो सके। इस प्रशिक्षण में एनेस्थीसिया के विशेषज्ञों को भी शामिल करने का प्रस्ताव है। यह बात डिपार्टमेंट ऑफ ट्रामा सर्जरी विभाग के प्रो. वैभव जयसवाल ने दी।
प्रो. जयसवाल ने बताया है कि डीएसटीसी प्रोग्राम यूएई, यूरोप, जापान, सिंगापुर, आस्ट्रेलिया जैसे देशों में चल रहा है। इंटरनेशनल एसोसिएशन ऑफ ट्रामा सर्जरी एंड इन्सेंटिव केयर की मदद से यह प्रोग्राम केजीएमयू में भी चलाने पर विचार हो रहा है।
इस प्रोग्राम के तहत सर्जन और एनेस्थीसिया विशेषज्ञों को प्रशिक्षण दिया जाने का प्रस्ताव है। जिससे ट्रामा के गंभीर मरीजों के इलाज में काम करने की क्षमता प्रभावित न हो। मरीजों को यह भी होगा कि इससे विश्वस्तरिय इलाज भी मिल सकेगा।
इसके अलावा केजीएमयू के ट्रामा सेंटर पर मरीजों का दबाव भी कम होगा। उन्होंने बताया कि गंभीर रूप से घायल मरीजों के इलाज को लेकर डॉक्टर में स्किल डेवलपमेंट करना ही इस प्रोग्राम का मुख्य उद्देश्य है।