यहां जल्दी ही शुरू होगा बोनमेरो प्रत्यारोपण

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लखनऊ। विश्व थैलेसीमिया दिवस पर राजधानी के लोहिया संस्थान, केजीएमयू तथा पीजीआई में विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। लोहिया संस्थान स्थित थैलेसीमिया डे केयर सेन्टर ने थैलेसीमिया से पीड़ित बच्चों हेतु पोस्टर एवं स्लोगन लेखन प्रतियोगिता आयोजित कराकर मनाया गया। साथ ही स्वैच्छिक रक्तदान शिविर का भी आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य समाज में थैलेसीमिया बीमारी के बारे में जागरूकता पैदा करना था जिससे यह बीमारी अन्य लोगों में होने से रोकी जा सके।

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पार्थ सारथी सेन शर्मा, प्रमुख सचिव, चिकित्सा स्वास्थ्य, परिवार कल्याण एवं चिकित्सा शिक्षा ने अपने सम्बोधन में कहा कि थैलेसीमिया पीड़ित बच्चों के अभिभावकों को विश्वास दिलाया कि इस बीमारी से घबराने की कोई आवष्यकता नहीं है इसका इलाज सम्भव है। उन्होंने कहा कि संस्थान में थैलेसीमिया पीड़ित रोगियों के लिए बोनमेरो ट्रांन्सप्लान्ट सुविधा शुरु की जायेगी। उन्होंने वॉर्ड में उपस्थित लोगों से एवं अभिभावकों से स्वैच्छिक रक्तदान करने का आग्रह किया।

 

 

 

 

 

 

 

उन्हंोंने आश्वासन दिया कि यदि ऐसा होता है तो बजट की कोई कमी नहीं होने दी जायेगी। इस अवसर पर संस्थान के निदेशक, प्रो. (डॉ) सी .एम. सिंह ने ट्रान्सफ्यूजन मेडिसिन विभाग के लिए कहा कि उम्मीद की कि भविष्य में भी वह उत्कृष्ट सेवाये मरीजों को प्रदान करेंगे।
प्रतियोगिता में एक से 15 वर्ष तक के थैलेसीमिया बच्चों द्वारा प्रतिभाग किया गया। एक से 06 वर्ष की श्रेणी में प्रथम स्थान शौर्य मिश्रा एवं द्वितीय स्थान वेदिता ने प्राप्त किया, छह से 12 वर्ष की श्रेणी में प्रथम स्थान प्रिंस एवं द्वितीय स्थान हम्माद आमिर ने प्राप्त किया एवं 12 वर्ष की अधिक की श्रेणी में प्रथम स्थान अनम अली एवं द्वितीय स्थान सुफिया ने प्राप्त किया। कार्यक्रम के अतं में थैलेसीमिया पीडित बच्चों के साथ सबने मिल कर केक काटा।

 

 

 

 

 

 

 

 

 

इसी प्रकार संजय गांधी पीजीआई के मेडिकल जेनेटिक्स विभाग व थैलेसीमिया सोसाइटी ने श्रुति सभागार में अंतराष्ट्रीय थैलेसीमिया दिवस पर विभागाध्यक्ष प्रो. शोभा फड़के ने कहा की थैलेसीमिया मरीजो को शुरुआत मे 1000 में से एक ही ब्लड डोनेट करता हैं, जबकि अब जागरूकता आने पर लोग थैलेसीमिया सोसाइटी के लोग अपने तथा रिश्तेदार एवं उनके परिचित लोगो से रक्तदान करा रहे है। वर्ष 2001 शुरूआत से इलाज करा रहे मरीज बड़े होकर नीट जैसी परीक्षा पास करके दीन दलाल यूनिवर्सिटीज गोरखपुर में पी एच डी कम्प्लीट कर सिमथा चटर्जी ने एक इतिहास रचा हैं कि ऐसी बीमारी से ग्रसित होने को लेकर वह हताश निराश हो जाते है। प्रो. शोभा फडके बड़े हो गये बच्चों को प्रोत्साहन कर उनको इस अवसर पर सम्मानित किया।

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

उधर किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के पैथोलॉजी विभाग में अंतर्राष्ट्रीय थैलेसीमिया दिवस मनाया गया।
समारोह में पैथोलॉजी विभाग, क्लिनिकल हेमेटोलॉजी, क्वीन मैरी अस्पताल, बाल चिकित्सा और सेंटर फॉर एडवांस रिसर्च के विभिन्न संकायों ने भाग लिया। केजीएमयू कुलपति प्रो. सोनिया नित्यानंद ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन द्वारा वित्त पोषित एक योजना के तहत क्वीन मैरी अस्पताल केजीएमयू में थैलेसीमिया और सिकल सेल एनीमिया के लिए आने वाली गर्भवती महिलाओं की मुफ्त जांच की सुविधा शुरू की। हालाँकि, केवल वे महिलाएँ जो पहली तिमाही में हैं, इस सुविधा का लाभ उठा सकेंगी। जो महिलाएं इन विकारों के लिए सकारात्मक पाई जाएंगी, उनके जीवनसाथी की स्क्रीनिंग की जाएगी, उसके बाद उचित परामर्श दिया जाएगा। पैथोलॉजी विभाग की डॉ. रश्मी कुशवाहा और क्वीन मैरी अस्पताल की डॉ. अमिता पांडे इस सुविधा के सुचारू कामकाज की देखभाल करेंगी।

 

 

 

 

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