लखनऊ। डॉ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान में डाक्टरों (अध्यापक) की प्रशिक्षण पाठशाला का आयोजन किया गया। तीन दिनों तक चली पाठशाला निदेशक प्रो. सी एम सिंह के नेतृत्व में आयोजित की गयी। इसमें संकाय सदस्य अध्यापकों (डाक्टर) को चिकित्सा शिक्षा प्रशिक्षण एवं पठन-पाठन की आधुनिक विकसित पद्धतियों के अध्यापन के प्रति प्रशिक्षित किया गया। अध्यापकों को तीन दिन तक पढ़ाने के साथ प्रशिक्षित किया गया।
कार्यशाला का आयोजन लोहिया संस्थान की चिकित्सा शिक्षा इकाई (मेडिकल एजुकेशन यूनिट) ने किया। इसकी समन्वयक अध्यक्षा डा. ज्योत्सना अग्रवाल थी,जब कि आयोजन सचिव डॉक्टर मनीष कुमार सिंह थे।
अध्यापकों को तीन दिन तक पढ़ाने और प्रशिक्षित करने वाले संसाधन संकाय सदस्यों में डॉ. अरविंद सिंह , डॉ. नम्रता पुनीत अवस्थी , डॉ. विभा गंगवार, डॉ. नवबीर पसरिचा , डॉ. रितु करौली , डॉ. रिचा चौधरी, डॉ शितांशु श्रीवास्तव, एवं प्रो. ज्योत्सना अग्रवाल व डॉ. मनीष सिंह की मुख्य भूमिका रही। इस दौरान मेडिकोज को कैसे आधुनिक पद्धति से पढ़ाया जाए आैर कौन कौन से तकनीक का प्रयोग करें।
इसकी जानकारी दी गयी।
बताते चले कि चिकित्सा शिक्षा संकाय सदस्य फैकेल्टी अध्यापकों को पठन-पाठन पद्धतियों के प्रति प्रशिक्षित करने के लिए लोहिया संस्थान को राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी – नेशनल मेडिकल कमिशन) द्वारा मान्यता प्राप्त है।
लोहिया संस्थान के निदेशक प्रो. (डॉ.) सी एम सिंह और डीन प्रो. प्रद्युम्न सिंह ने कार्यशाला की सराहना करते हुए प्रतिभागियों को प्रशस्ति प्रमाण पत्र सौंपे। निदेशक ने कहा कि अध्यापकों का स्वयं का यह प्रशिक्षण, उनके द्वारा इस आधुनिक विकसित पठन-पाठन अध्यापन पद्धति से प्रशिक्षित मेडिकल छात्रों को भविष्य के लिए तैयार करने में एक महत्वपूर्ण भूमिका प्रदान करेगा।
संकाय सदस्यों ने शिक्षण, मूल्यांकन, पाठ योजना तैयार करने, वयस्क शिक्षा के सिद्धांत और संचार आदि विषयों पर चिकित्सा शिक्षा की तकनीकों का उपयोग करते हुए विभिन्न इंटरैक्टिव सत्रों में भाग लिया। उन्होंने योग्यता आधारित चिकित्सा शिक्षा में प्रमुख अवधारणाओं को सीखा और सभी ने इसकी बहुत सराहना की।