लखनऊ। कैंसर मरीजों को बार-बार रक्त चढ़ाने की जरूरत पड़ती है। कैंसर मरीजों के इलाज में खून की कमी बाधा न बने इसके लिए सभी को सहयोग करने की जरूरत है। सभी लोग समय-समय पर रक्तदान करें। इसमें युवाओं की भागीदारी जरूरी है। यह अपील चक गंजरिया स्थित कल्याण सिंह कैंसर संस्थान के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. देवाशीष शुक्ला ने की।
रक्तदाता दिवस पर संस्थान में रक्तदान पर सेमिनार व शिविर लगाया गया। चिकित्सा अधीक्षक डॉ. देवाशीष शुक्ला ने कहा कि कैंसर मरीजों को कीमोथेरेपी, रेडियोथेरेपी देने की जरूरत पड़ती है। बहुत से मरीजों का ऑपरेशन भी करना पड़ता है। कठिन इलाज से मरीज में खून की कमी हो जाती है। जिसकी कमी पूरी करने के लिए मरीज को खून चढ़ाने की जरूरत पड़ती है। ऐसे मरीजों की जिंदगी बचाने के लिए रक्तदान करें। युवा नियमित स्वैच्छिक रक्तदान करें। ब्लड एंड ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन विभाग की अध्यक्ष डॉ. अंजू दुबे ने कहाकि खून का कोई दूसरा विकल्प नहीं है। लिहाजा नेक काम में सहयोग करें। खुद रक्तदान करें दूसरों को प्रेरित भी करें। अपने या परिवारीजनों के जन्मदिन को यादगार बनाने के लिए रक्तदान कर सकते हैं। विभाग के डॉ. ब्रजेश कुमार यादव ने बताया कि स्वैच्छिक रक्तदान शिविर में 26 से अधिक लोगों ने रक्तदान किया। उन्होंने कहा कि संस्थान के ब्लड बैंक का 24 घंटे संचालन किया जा रहा है। इससे कैंसर मरीजों को काफी राहत मिली है।
जरूरत के हिसाब से स्वैच्छिक रक्तदान नहीं हो रहा है। इसलिए अब रणनीति बदलने की जरूरत है। ग्रामीण क्षेत्रों की तरफ रुख करें। स्कूल और कॉलेजों में जाकर छात्र-छात्राओं को रक्तदान के प्रति प्रेरित करें। रक्तदान करने वालों युवाओं को प्रवेश व नौकरी आदि में एकाध नम्बर की वरीयता प्रदान की जाए। यही नहीं ट्रैफिक नियमों का पालन न करने वालों युवाओं से रक्तदान कराएं। यह सलाह राज्यपाल आनंदीबंन पटेल ने दी।
वह गुरुवार को रक्तदाता दिवस पर केजीएमयू के ब्राउन हॉल में सम्मान समारोह कार्यक्रम को संबोधित कर रही थी। राज्यपाल ने कहा कि जो युवा ट्रैफिक नियम का पालन नहीं कर रहे हैं, उनसे रक्तदान कराया जा सकता है। उन्होंने कम स्वैच्छिक रक्तदान पर चिंता जाहिर की। उन्होंने कहाकि लगातार जागरुकता कार्यक्रमों के बावजूद भी मांग के मुताबिक रक्तदान नहीं हो पा रहा है। ऐसे में इसके लिए नए तरीके तलाशने की जरूरत है। प्रदेश की जेलों में रक्तदान शिविर लगाया जा सकता है।
राज्यपाल ने कहा कि 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस है। इस अवसर पर सभी से योग करने की अपील करती हूं। जहां-जहां योग के लिए कैंप लगाए जाएं वहां-वहां रक्तदान शिविर का भी आयोजन किया जाए। उन्होंने रक्तदान के फायदे के बारे में बताते हुए कहा कि रक्तदान से खून की जांच होने से हमें बीमारियों का भी पता चलता है। स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा राज्य मंत्री मयंकेश्वर शरण सिंह ने कहा कि रक्तदान का कार्य सभी व्यक्तियों के सामूहिक सहयोग से संभव है। रक्तदान से समाज में एक अच्छा संदेश जाता है। चिकित्सा शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव पार्थसारथी सेन शर्मा ने स्वैच्छिक रक्तदान सुरक्षित रक्तदान बताया। इससे स्वास्थ्य के साथ समर्पण की भावना का भी विकास होता है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में स्वैच्छिक रक्तदान का प्रतिशत बढ़ाने की आवश्यकता है।
केजीएमयू कुलपति डॉ. सोनिया नित्यानंद ने कहा कि रक्तदान से कोई कमजोरी नहीं होती। नए खून से ज्यादा स्फूर्ति का संचार होता है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में सुरक्षित रक्तदान की प्रतिशत 30 से 40 प्रतिशत है। जिसे शत प्रतिशत करना है। उन्होंने विभाग की उपलब्धियां का विवरण देते हुए कहा कि यहां देश में सबसे ज्यादा रक्त का वार्षिक कलेक्शन होता है। इस अवसर पर राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की निदेशक डॉ. पिंकी जोवेल, रक्तदान में सक्रिय संस्थाओं के प्रतिनिधिगण, डॉक्टर्स, रक्तदातागण व अन्य गणमान्य उपस्थित थे। लगातार रक्तदान करने वाले व्यक्ति व संस्थाओं को सम्मानित किया गया।